विस्तार मध्य प्रदेश के छतरपुर के कलेक्टर ऑफिस में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब फरियाद लेकर पहुंचे किसान ने जहर खा लिया। आनन-फानन में प्रशासन के अधिकारियों ने उसे अस्पताल पहुंचाया। अब उसकी हालत ठीक बताई जा रही है। किसान जमीन मसले पर अपर कलेक्टर के आदेश का पालन नहीं होने की फरियाद लेकर पहुंचा था।
जानकारी के अनुसार मामला बोदी गांव के किसान का है। बताया जा रहा है कि छतरपुर जिले के हरपालपुर क्षेत्र के बोदी गांव में रहने वाले किसान उमा शंकर तिवारी जमीन मामले की फरियाद लेकर कलेक्टर ऑफिस पहुंचे थे। किसान ने बताया कि उसकी जमीन संबंधी मामला विचाराधीन है, जिसका 10 साल पहले अपर कलेक्टर ने आदेश किया था, लेकिन उसका पालन आज तक नहीं हो सका है। ऑफिस के चक्कर काट-काटकर अब परेशान हो गया है। किसान ने बताया कि कोई सुनवाई नहीं होने से परेशान होकर कीटनाशक पी लिया।
जहर पीने की जानकारी लगते ही प्रशासनिक अधिकारी सकते में आ गए। छतरपुर तहसीलदार अशोक अवस्थी तत्काल किसान को अस्पताल लेकर आए। उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया है। हालांकि अब उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर जीएल अहिरवार ने बताया कि मरीज को छतरपुर तहसीलदार सरकारी गाड़ी में लेकर आए थे, उसने कीटनाशक पी लिया था। उसे ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। फिलहाल हालत खतरे से बाहर है।
बताया गया कि उमाकांत तिवारी के पास 12 बीघा जमीन है। उसके भाई श्रीपत तिवारी के नाम जो ज़मीन थी उसमें पटवारी आरआई ने 160 आरे रकबा खारिज कर दिया था। जिस पर किसान द्वारा राजस्व न्यायालय में केस पर अपने पक्ष में अपर कलेक्टर का आदेश पारित करवाया। इसमें आदेशित किया गया कि बंदोबस्त की अधिसूचना के पूर्व की स्थित को अमल में लाया जाए। इसी आदेश का पालन कराने किसान बीते दस साल से तहसील जिला कलेक्टर के दफ्तर के चक्कर लगा रहा था।
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