चित्र सौजन्य : खजुराहो स्थित एक मंदिर के पत्थरों पर उकेरी गईं वास्तु कलाकृतियां। खजुराहो में, पत्थरों पर उत्कीर्ण की गई कामुक कलाकृतियों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है, लेकिन इन कलाकृतियों के बनाने के पीछे छिपे उद्देश्य का महत्व गंभीर और सार्थक है। यह कलाकृतियां मंदिर के बाहरी…
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प्रतीकात्मक चित्र। जल, जंगल और जमीन को सुरक्षित रखने वाले भारतीय आदिवासी समूह सदियों से देश की सुरक्षा में भी अपना योगदान देते रहे हैं। जब देश आजाद नहीं था, तब उन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में रहते हुए ऐसे कई बड़े आंदोलन किए ताकि अंग्रेजी हुकुमत को देश की सरजमी से…
प्रतीकात्मक चित्र। भारत में ‘प्राइवेसी’ शब्द को ज्यादातर लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं। दुनिया के ऐसे कई देश हैं जहां प्राइवेसी को लेकर वहां के नागरिक काफी सतर्क रहते हैं। लेकिन हम यहां आपसे साझा करेंगे कि भारतीयों के लिए प्राइवेसी कितना मायने रखती है। सोशल मीडिया, मौजूदा दौर…
जग्गी वासुदेव, आध्यात्मिक गुरु। जब हम कहते हैं कि शिव संहारक हैं, तो इसका मतलब यह नहीं होता कि शिव मृत्यु की वजह हैं, या वे मृत्यु लाते हैं। उनकी मृत्यु में कोई दिलचस्पी नहीं है। उनके लिए मृत्यु एक बेहद मामूली बात है, जीवन का एक बेहद सतही पहलू।…
प्रेरणा : शाहरुख खान का सक्सेस फार्मुला, बना सकता है सफल!
By Anshul Goyal on November 2, 2019
शाहरुख खान हिंदी सिनेमा के उन चुनिंदा सितारों की फेहरिस्त में हैं जो यहां अपना वर्चस्व बनाए रखने में कामयाब रहे हैं। उनके अभिनय से सजी एक फिल्म डियर जिंदगी में अपनी को- स्टार से वो कहते हैं, ‘जीनियस वो नहीं है जिसके पास हर सवाल का जवाब हो बल्कि…
इतिहास के पन्नों से : जब पर्यावरण के लिए लोगों ने दी ‘प्राणों की आहुति’
By Anshul Goyal on June 4, 2018
रोजर टोरी पीटरसन एक अमेरिकी प्रकृतिवादी, पक्षी विज्ञानी, कलाकार और शिक्षक थे। उन्होंने कहा था, ‘चिड़िया पर्यावरण का एक संकेतक है। अगर वे मुसीबत में हैं, तो हम भी बहुत जल्द मुसीबत में आ जाएंगे।’ इस समय पर्यावरण को बचाने के लिए पूरी दुनिया बहस में उलझी हुई है और…
भोपाल की गलियां-1 : 90 के दशक में भोपाल की पहचान बन गया था ये सवाल
By Anshul Goyal on April 30, 2018
राकेश ढोंडियाल। 90 का दशक यानी वो समय जब कई लोग बचपन के सुहाने दिन गुजार रहे थे। न कोई फ्रिक न कोई चिंता… बस! होता था तो टीवी पर मोगली या फिर बाहर बारिश में कागज की नाव चलाने का इंतजार, लेकिन आज से 27 साल पहले कैसा था…