गिरिराज किशोर जनसत्ता 27 अगस्त, 2014 : यह बात मुझे क्यों याद आ रही है? यह बात दोबारा दिमाग में उठ रही है। पहले तब उठी थी जब आपातकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री ने कहा था कि न्यायपालिका प्रतिबद्ध होनी चाहिए। आपातकाल के बावजूद हर तरफ से आवाजें आने लगी…
राजनीति
विनोद कà¥à¤®à¤¾à¤° जनसतà¥à¤¤à¤¾ 26 अगसà¥à¤¤, 2014 : आदिवासी समाज के बारे में इधर हमारी दृषà¥à¤Ÿà¤¿ बदली है। बावजूद इसके आदिवासी बहà¥à¤² इलाकों के बाहर आदिवासी समाज के बारे में अब à¤à¥€ à¤à¤• कौतूहल का à¤à¤¾à¤µ रहता है। इस परिपà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤·à¥à¤¯ में यह जानना दिलचसà¥à¤ª होगा कि गैर-आदिवासी समाज आज à¤à¥€ आदिवासी…
कनक तिवारी जनसतà¥à¤¤à¤¾ 25 अगसà¥à¤¤, 2014 : कà¥à¤¯à¤¾ है इस आतà¥à¤®à¤•à¤¥à¤¾ में? पूरà¥à¤µ नौकरशाह, मंतà¥à¤°à¥€, राजनयिक नटवर सिंह की लगà¤à¤— चार सौ पृषà¥à¤ ों की आतà¥à¤®à¤•à¤¥à¤¾ ‘वन लाइफ इज नॉट इनफ’ अनावशà¥à¤¯à¤• रूप से विवादासà¥à¤ªà¤¦ और महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ बना दी गई। यह आतà¥à¤®à¤•à¤¥à¤¾ होने के बदले यादधà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥€ डायरी के पृषà¥à¤ ों का संगà¥à¤°à¤¹…
विकास नारायण राय जनसतà¥à¤¤à¤¾ 22 अगसà¥à¤¤, 2014 : वितà¥à¤¤à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ अरà¥à¤£ जेटली के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° आम लोगों के लिठबवालेजान बनी महंगाई का सीधा संबंध बाजार में आवशà¥à¤¯à¤• वसà¥à¤¤à¥à¤“ं की आपूरà¥à¤¤à¤¿ से है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ शासकों का यह जाना-माना तरà¥à¤• रहा है, जो जनता को बरगलाने वाले अगले पाखंड की जमीन à¤à¥€ तैयार…