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राष्ट्रीय

-: 21 फरवरी, अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस :- दुनिया की कोई भी भाषा किसी न किसी की मातृभाषा होती है। इस बात की गंभीरता को नजरअंदाज ना करते हुए। यूनेस्को ने सन् 1999 से हर साल 21 फरवरी को इंटरनेशनल मदर लैंग्वेज डे यानी अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाए जाने की घोषणा…
भारत में चुनाव प्रक्रिया जटिल और चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में मीडिया के नजरिए से चुनाव में क्या चुनौतियां होती हैं यदि आप ये जानना चाहते हैं तो ‘मीडिया और भारतीय चुनाव प्रक्रिया’ किताब आपके लिए ही है। प्रोफेसर संजय द्विवेदी द्वारा संपादित इस किताब को दिल्ली स्थित यश पब्लिशर्स एंड…
प्रतीकात्मक चित्र। संजीव शर्मा। महानगरों की मेट्रो ट्रेन हो या सामान्य ट्रेनें या फिर सार्वजनिक परिवहन सेवा से लेकर शहर की भीड़-भाड़ वाली सड़कें, इन सभी जगहों पर एक बात समान नजर आती है वह है-कानों में ईयर प्लग लगाए हुए आज की नई पीढ़ी और इस पीढ़ी के हमकदम…

समीक्षा : भारत और दक्षिण कोरिया के ‘कूटनीतिक संबंध’ में क्या है भारत की भूमिका

सितंबर के पहले हफ्ते में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पूर्वोत्तर एशिया के पांच दिवसीय दौरे पर थे। दक्षिण कोरिया के बाद जापान उनका दूसरा पड़ाव बन गया। यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री ने अपने दक्षिण कोरियाई समकक्ष, जियोंग कोयोंग-डो से मुलाकात की, दोनों नेताओं ने रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों…

हिंदी दिवस : हिंदी भाषा का ‘सम्मान सिर्फ एक दिन नहीं’ हमेशा कीजिए

हर साल की तरह, इस साल भी उन्हीं कुछ चुनिंदा शब्दों से हम हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दे चुके हैं, और जल्द भूल जाएंगे! यह कोई नई बात नहीं है। हिंदी का सम्मान एक दिन का सालाना उत्सव नहीं बल्कि हिंदी भाषा की गरिमा का सम्मान किया जाना चाहिए। यह…

शिक्षा : ‘एक देश एक जीएसटी’ तो एक देश समान शिक्षा क्यों नहीं?

हर साल 8 सितंबर को दुनियाभर में विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है। इस साल यानी 2019 में युनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे एजोले ने अपने संदेश में कहा, ‘हमारी दुनिया लगभग 7,000 जीवित भाषाओं के साथ समृद्ध और विविधता को साथ में लेकर चल रही है। आजीवन सीखने के लिए…

मुद्दा : तो क्या नोटबंदी से बिगड़ रहे हैं देश के आर्थिक हालात

अरुण पांडे। लेखक पत्रकार है। वह आर्थिक विषयों के जानकार हैं। न ख़ुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम यानी न इधर के हुए न उधर के हुए, करीब तीन साल में नोटबंदी से कुछ यही हासिल हुआ है। न जीडीपी ग्रोथ बढ़ी, न जाली नोट छपने का गोरखधंधा थमा और ना…

रिपोर्ट : स्वच्छता मिशन में कितना स्वच्छ हुआ भारत?

चित्र: भारत का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर (मध्यप्रदेश)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में जहां लाल किले के प्राचीर से स्वच्छता मिशन की शुरूआत की, तो अब प्लास्टिक मुक्त भारत, गांधी जयंती से शुरू किया जाएगा। तो क्या देश स्वच्छ हुआ? स सरकार ने 1986 में केंद्रीय ग्रामीण…

भविष्य : ये है भारत की परमाणु नीति, यदि परमाणु युद्ध हुआ तो क्या होगा!

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हालही में कहा कि ‘भारत परमाणु हथियारों के पहले इस्तेमाल न करने की नीति पर अभी भी कायम है लेकिन भविष्य में क्या होता है यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है।’ दरअसल ये सब शुरू हुआ अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर के विशेष…

रिपोर्ट : 2040 के बाद दुनिया के 33 देश में ‘पीने के पानी’ का विकराल संकट!

Image courtesy: unian ‘यदि आप एक बाल्टी में सारी दुनिया का पानी एकत्र करें और चाय की छलनी को उस पानी में डुबोएं तो जितना पानी छलनी में होगा उसमें से भी आप एक चम्मच पानी और निकाल लें तो यह पीने का स्वच्छ पानी होगा। इतना ही पानी हमें…

वैश्विक पुनर्बीमाकर्ता जीआईसी समर्थक पूर्वाग्रह से नाराज, भारत में समान अवसर चाहते हैं

कई ऐसे परिदृश्य में वित्तीय और मानव पूंजी निवेश करने के लिए अनिच्छुक हैं जिसमें जीआईसी री को पुनर्बीमा अनुबंधों में पहले इनकार के अधिकार का लाभ मिलता है विषय बजट 2019 | जीआईसी | पुनर्बीमा नम्रता आचार्य | कोलकाता अंतिम बार अगस्त में अपडेट किया गया , , :…

समझाया: क्या भारत में अमीरों के विदेशी निवेश पर कर लगेगा?

एफपीआई को अभी भी कुछ राहत की संभावना है, जब संसद इस महीने के अंत में कर प्रस्तावों को अंतिम मंजूरी देती है विषय विदेशी पोर्टफोलियो निवेश | बजट 2019 सरकार का बजट प्रस्ताव इस महीने की शुरुआत में वार्षिक आय वाले लोगों पर कर बढ़ाने के लिए 2 करोड़…

बजट में निवेश, बचत को बढ़ावा देने के लिए कोई कदम नहीं : चिदंबरम

केंद्रीय बजट 2019- भारत को आगे ले जाने के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार नहीं करता है कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि उच्च आर्थिक विकास की राह और साहसिक कदमों और ढांचागत सुधारों का अभाव है। कमजोर है और इसे तेजी से विकास पथ…

बीएस को पत्र: निजीकरण प्रबंधन में उद्देश्य की भावना पैदा करेगा

अर्थव्यवस्था को वैश्विक रुझानों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना है विषय बीएस को पत्र उदाहरण: अजय मोहंती इसका अर्थ है “विनिवेश लक्ष्य से आगे निकल जाएगी सरकार: राजीव कुमार” (जुलाई )। हालांकि विनिवेश बजटीय लक्ष्यों से अधिक है, यह ऐसे समय में आ रहा है जब अर्थव्यवस्था को…

सरकार राजकोषीय मजबूती, बुनियादी ढांचे में मदद के लिए प्रतिबद्ध : सीतारमण

सरकार ने के लिए सकल घरेलू उत्पाद के 3.3 प्रतिशत पर राजकोषीय घाटे का लक्ष्य निर्धारित किया है। -22, वित्त मंत्री कहते हैं। विषय बजट 640 | राजकोषीय घाटा प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया | नई दिल्ली अंतिम बार जुलाई में अपडेट किया गया , , : आईएसटी एफएम निर्मला सीतारमण…