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हनीमून शब्द पहली बार 16वीं सदी में प्रचलन में आया, जब रिचर्ड ह्यूलोट ने इसके बारे में विस्तार से बताया। लेकिन, कई लोगों का मानना है कि रिचर्ड से लगभग 4000 साल पहले बेबीलोन में शादी के बाद न्यू कपल एक खास तरह की रस्म निभाता था, जो काफी हद…
हमारा देश आस्था और विश्वास का पर्याय है। यहां ऐसे कई हैरतंगेज पर्यटन स्थल हैं, जिनके अपने किस्से हैं जो कहीं न कहीं आस्था तो कहीं विश्वास से जुड़े हुए हैं। हैरतंगेज सफर की यात्रा करने वालों के लिए यह पर्यटन स्थल किसी सपने से कम नहीं। आस्था का पहला…
ओडिशा भारत का प्रमुख राज्य है, जहां का जगन्नाथपुरी धाम दुनियाभर में प्रसिद्ध है और इसी राज्य आता है ‘भद्रक’, यह एक प्रचीन शहर है। इस शहर का इतिहास 490 ई. से शुरू होता है। भारत के प्राचीन शहरों में शुमार भद्रक वही स्थान है, जहां भगवान गौतम बुद्ध अपने…

धरोहर : दुनिया की ऐसी जगह जहां एक साथ देख सकते हैं 2000 मूर्तियां

भारतीय इतिहास के पन्नों को पलटें तो 9वीं शताब्दी में गुप्त काल में निर्मित दशावतार मंदिर के अवशेष और जैन मंदिर अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इन मंदिरों की स्थापत्य, वास्तु और शिल्प कौशल देखते ही बनता है। उत्तरप्रदेश के ललितपुर जिले में है ‘देवगढ़’ जहां इन नायाब प्रतिमाओं को…

धरोहर : मुगल तकनीक की बेजोड़ मिसाल, जो आज भी है बरकरार

भारत में मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में  ‘कुंडी भंडार’ नाम से भू-जल संरचना है। मध्यकालीन भारत की इस धरोहर को देखने पर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस समय की तकनीक कितनी विकसित रही होगी। दरअसल, कुंडी भंडार को सतपुड़ा की पहाड़ियों के पत्थर चीरकर नगर…

इतिहास : भारत में यहां है बिना मीनार की जामा मस्जिद

प्रकृति की सुरम्य वादियों से घिरा चंदेरी मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले का एक ऐतिहासिक शहर है। जब मोरक्को निवासी इब्नबतूता दिल्ली के सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक के समय भारत की यात्रा पर आया था, तब उसने अपने यात्रा वृतांत में चंदेरी के बारे में लिखा है यह नगर बहुत…

वास्तु : इस शिव मंदिर से मिलता है भारतीय संसद का डिजाइन

मुरैना मप्र का एक जिला जो दिल्ली के नजदीक है। दिल्ली में भारतीय संसद है, और यहां चौंसठ यौसठ योगिनी मंदिर इन दोनों इमारतों में बनावट काफी हद तक समान है। चौंसठ योगनी मंदिर काफी प्राचीन है और इसके डिजाइन को ही भारतीय संसद के निर्माण में उपयोग में लाया…

धरोहर : चंद्रदेव के पुत्र का खजुराहो के मंदिर से है अटूट संबंध

चंद्रमा के उपासक चंद्रवंशियों ने खजुराहो के मंदिरों की नींव रखी। ये  चंद्रमा के उपासक होते थे। सूर्यउदय और सूर्यास्त के समय इन मंदिरों की सुंदरता देखते ही बनती है। इन दोनों समय में पत्थरों पर उकेरा गया स्थापत्य मन में बस जाता है। खजुराहो मप्र के छतरपुर जिले में…

आस्था : मप्र में है भगवान शिव का घर, लेकिन कहां?

मध्य प्रदेश का महेश्वर जिसे प्राचीन काल में महिष्मति के नाम से जाना जाता था, जो वर्तमान में खरगोन जिले में है। इंदौर से 91 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह शहर नर्मदा नदी के उत्तरी तट पर स्थित है। ऐतिहासिक नगर महेश्वर पर्यटन के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है।…

धरोहर : विलुप्त हो चुके थे सांची के स्तूप इस अंग्रेज ने खोज कर रच दिया इतिहास

बौद्ध धर्म की धार्मिक नगरी और मप्र में विश्व पर्यटन का केंद्र सांची स्तूप यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थलों के सूची में शामिल है। यह मप्र की राजधानी भोपाल से 52 किमी दूर स्थित है। सांची  पर्यटन स्थल रायसेन जिले में आता है। मौर्य सम्राट अशोक ने सांची में ‘स्तूप’…

किंवदंती : शाहजहां को यहां से मिला था ताजमहल बनाने का आइडिया

प्रकृति की हरी चादर ओढ़े मांडू बाज बहादुर और रानी रूपमती के प्रेम की मिसाल पेश करता है। मांडू के महल को बाज बहादुर ने अपनी रानी के लिए बनवाया था। महल पत्थर की चट्टानों पर बना है जिसकी ऊंचाई 400 मीटर है। कहते हैं यहां पर रानी रूपमती सुबह…