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लाइफस्टाइल

राकेश ढोंडियाल। यह बात है आज से 3 साल पहले यानी जून 2016 की, मैं रिकांग पिओ (रिकांग पिओ, हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले का मुख्यालय है।) के बस अड्डा पर था। चंडीगढ़ से हिमाचल परिवहन की बस में 320 किलोमीटर का सफर 12 घंटों में तय कर शाम लगभग…
राकेश ढोंडियाल। उत्तराखंड आन्दोलन जब अपने चरम पर था, तब मैंने यह लेख लिखा था। प्रभाकर क्षोत्रिय जी ने इसे ‘वागर्थ’ पत्रिका में रम्य रचना के नाम से प्रकाशित किया था। जिस क़स्बेनुमा शहर का ज़िक्र इसमें किया गया है उसका नाम है ‘नैनीताल’। वह सड़क सिर्फ़ एक मील लंबी…
राकेश ढोंडियाल। अगर साल भर तक, हर रोज़ एक नई मस्जिद में नमाज़ अदा करना चाहें तो भोपाल आ जाइए। मध्यप्रदेश का भोपाल ऐसा शहर है, जहां एशिया की सबसे छोटी मस्जिद से लेकर एशिया की छठी सबसे बड़ी मस्जिद भी आपको मिलेगी।  ‘द रॉयल जर्नी ऑफ भोपाल’ के लेखक…

स्मृति : गर्मी के मौसम में हनीमून को ऐसे बनाएं यादगार

हनीमून शब्द पहली बार 16वीं सदी में प्रचलन में आया, जब रिचर्ड ह्यूलोट ने इसके बारे में विस्तार से बताया। लेकिन, कई लोगों का मानना है कि रिचर्ड से लगभग 4000 साल पहले बेबीलोन में शादी के बाद न्यू कपल एक खास तरह की रस्म निभाता था, जो काफी हद…

रहस्य : भारत की वो जगह जहां होती हैं सुपरनेचुरल घटनाएं

हमारा देश आस्था और विश्वास का पर्याय है। यहां ऐसे कई हैरतंगेज पर्यटन स्थल हैं, जिनके अपने किस्से हैं जो कहीं न कहीं आस्था तो कहीं विश्वास से जुड़े हुए हैं। हैरतंगेज सफर की यात्रा करने वालों के लिए यह पर्यटन स्थल किसी सपने से कम नहीं। आस्था का पहला…

इतिहास : इस शहर के बारे में ‘भगवान गौतम बुद्ध ने की थी’ ये भविष्यवाणी!

ओडिशा भारत का प्रमुख राज्य है, जहां का जगन्नाथपुरी धाम दुनियाभर में प्रसिद्ध है और इसी राज्य आता है ‘भद्रक’, यह एक प्रचीन शहर है। इस शहर का इतिहास 490 ई. से शुरू होता है। भारत के प्राचीन शहरों में शुमार भद्रक वही स्थान है, जहां भगवान गौतम बुद्ध अपने…

प्रबंधन : हनुमानजी से सीखें बेहतर जिंदगी जीने के तरीके

प्रभु श्रीराम के अमिट भक्त हनुमानजी श्रीराम की तरह बेहतर कुशल प्रबंधक हैं। सदियों पहले महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में इस बात का उल्लेख मिलता है। बाद में गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी हनुमान जी के उन गुणों के बारे में श्रीरामचरितमानस में विस्तार से बताया है, जिनके आधार…

धरोहर : दुनिया की ऐसी जगह जहां एक साथ देख सकते हैं 2000 मूर्तियां

भारतीय इतिहास के पन्नों को पलटें तो 9वीं शताब्दी में गुप्त काल में निर्मित दशावतार मंदिर के अवशेष और जैन मंदिर अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इन मंदिरों की स्थापत्य, वास्तु और शिल्प कौशल देखते ही बनता है। उत्तरप्रदेश के ललितपुर जिले में है ‘देवगढ़’ जहां इन नायाब प्रतिमाओं को…

आस्था : भक्त होगा ऐसा तो भगवान भी करेंगे स्वीकार

भक्त और भगवान अध्यात्म के उस पहलु से जुड़े रहते हैं, जहां आस्था, विश्वास और उमंग की डोर उन्हें कभी अलग नहीं होने देती है। हम जिस भी रूप में अपने आराध्य को पूजते हैं, वह हमें उसी रूप में स्वीकार करते हैं। ऐसा तभी होता है, जब भक्त पूरे…

वेदांत : अध्यात्म की नजर में क्या है ‘ज्ञान’, ऐसे करें हासिल

जो लोग ज्ञान के मार्ग पर चलते हैं, वे ऐसे लोग होते हैं जिनकी बुद्धि उन्हें किसी चीज पर विश्वास नहीं करने देती, न ही वे किसी चीज पर अविश्वास करते हैं। वेदों में ज्ञान के मार्ग पर चलने के लिए ज्ञान योग के अंतर्गत चार सिद्धांत बताए गए हैं।…

धरोहर : मुगल तकनीक की बेजोड़ मिसाल, जो आज भी है बरकरार

भारत में मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में  ‘कुंडी भंडार’ नाम से भू-जल संरचना है। मध्यकालीन भारत की इस धरोहर को देखने पर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस समय की तकनीक कितनी विकसित रही होगी। दरअसल, कुंडी भंडार को सतपुड़ा की पहाड़ियों के पत्थर चीरकर नगर…

इतिहास : भारत में यहां है बिना मीनार की जामा मस्जिद

प्रकृति की सुरम्य वादियों से घिरा चंदेरी मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले का एक ऐतिहासिक शहर है। जब मोरक्को निवासी इब्नबतूता दिल्ली के सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक के समय भारत की यात्रा पर आया था, तब उसने अपने यात्रा वृतांत में चंदेरी के बारे में लिखा है यह नगर बहुत…

वास्तु : इस शिव मंदिर से मिलता है भारतीय संसद का डिजाइन

मुरैना मप्र का एक जिला जो दिल्ली के नजदीक है। दिल्ली में भारतीय संसद है, और यहां चौंसठ यौसठ योगिनी मंदिर इन दोनों इमारतों में बनावट काफी हद तक समान है। चौंसठ योगनी मंदिर काफी प्राचीन है और इसके डिजाइन को ही भारतीय संसद के निर्माण में उपयोग में लाया…

धरोहर : चंद्रदेव के पुत्र का खजुराहो के मंदिर से है अटूट संबंध

चंद्रमा के उपासक चंद्रवंशियों ने खजुराहो के मंदिरों की नींव रखी। ये  चंद्रमा के उपासक होते थे। सूर्यउदय और सूर्यास्त के समय इन मंदिरों की सुंदरता देखते ही बनती है। इन दोनों समय में पत्थरों पर उकेरा गया स्थापत्य मन में बस जाता है। खजुराहो मप्र के छतरपुर जिले में…

आस्था : मप्र में है भगवान शिव का घर, लेकिन कहां?

मध्य प्रदेश का महेश्वर जिसे प्राचीन काल में महिष्मति के नाम से जाना जाता था, जो वर्तमान में खरगोन जिले में है। इंदौर से 91 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह शहर नर्मदा नदी के उत्तरी तट पर स्थित है। ऐतिहासिक नगर महेश्वर पर्यटन के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है।…