प्रतीकात्मक चित्र। सद्गुरु जग्गी वासुदेव, आध्यात्मिक गुरु। ब्रह्मचर्य का मतलब है, जीवन की कुदरती अवस्था। सवाल यह भी है कि ब्रह्मचारी कैसे होते हैं तो वे बस वैसे ही रहते हैं, जैसे जीवन है, जैसे सृष्टिकर्ता ने आपको बनाया है। सवाल यह भी है कि ब्रह्मचर्य के मार्ग पर क्या…
लाइफस्टाइल
मोटापा एक बढ़ती हुई चिंता है, खासकर शहरी भारत में; बच्चों में स्टंटिंग में मामूली गिरावट विषय मोटापा और स्वास्थ्य | एनएफएचएस | सार्वजनिक स्वास्थ्य सोहिनी दास | मुंबई अंतिम बार 6 मई को अपडेट किया गया, हों : आईएसटी ) मोटे जनसंख्या का प्रतिशत शहरी में अधिक है (…
चित्र : ब्रह्मांड। सद्गुरु जग्गी वासुदेव, आध्यात्मिक गुरु। क्या आप सृष्टि की रचना के पीछे का विज्ञान या कहें रहस्य जानते हैं। दुनियाभर के धर्म अपनी-अपनी व्याख्याएं देते रहे हैं, जिन्हें आम तौर पर एक खास मकसद से सुनाया जाता है। जरूरी नहीं है कि उसे सही आंकड़ों के रूप…
चित्र : भारत में कुल देवता या देवी, किसी परिवार के पूज्य आरााध्य होते हैं। सद्गुरु जग्गी वासुदेव, आध्यात्मिक गुरु। कुल देवता किसी एक ख़ास परिवार से जुड़े लोगों के लिए ही कैसे काम करते हैं? उन्हें उस विशेष परिवार से कैसे जोड़ा जाता है? यह दो प्रश्न सदियों से…
प्रतीकात्मक चित्र। सद्गुरु जग्गी वासुदेव, आध्यात्मिक गुरु। मन का अगला आयाम चित्त कहलाता है। चित्त का मतलब हुआ विशुद्ध प्रज्ञा व चेतना, जो स्मृतियों से पूरी तरह से बेदाग हो। यहां कोई स्मृति नहीं होती है। हर तरह की बातें कही गई हैं, ‘ईश्वर बड़ा दयालु है, ईश्वर प्रेम है,…
मां दुर्गा महिषासुर मर्दिनी के रूप में। नटराज शिव मंदिर, चिदंबरम, तमिलनाडू। चित्र सौजन्य : रिचर्ड मोरटेल/विकीपीडिया देवी को महिषासुर मर्दिनी क्यों कहा जाता है और इस प्रतीकात्मकता का हमारे जीवन में क्या महत्व है? इस बारे में कभी न कभी कहीं ना कहीं किसी अवसर पर आपने एक बार…
चित्र : मूलाधार चक्र शरीर के सबसे निचले हिस्से में होता है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। मूलाधार चक्र हमारे शरीर में सबसे निचला चक्र है। जैसे किसी इमारत की बुनियाद सबसे महत्वपूर्ण होती है, उसी तरह मूलाधार सबसे महत्वपूर्ण चक्र होता है। सद्गुरू बताते हैं कि अगर…
सद्गुरु जग्गी वासुदेव, आध्यात्मिक गुरु। योग में, एक अच्छी तरह से स्थापित, स्थिर मन को कल्पवृक्ष कहते हैं। कल्पवृक्ष यानी हर इच्छा को पूरा करने वाला वृक्ष। अगर आप अपने शरीर, मन, भावनाओं और ऊर्जा को एक ही दिशा में लगाते हैं तो निर्माण करने की आप की योग्यता अद्भुत…
प्रतीकात्मक चित्र। सद्गुरु जग्गी वासुदेव, आध्यत्मिक गुरु। कहते हैं कि न्यूयॉर्क शहर में 70 प्रतिशत लोग नियमित रूप से शराब का सेवन करते हैं और 20 प्रतिशत अत्यधिक शराब पीते हैं। न्यूयॉर्क शहर के लोगों का ऐसा हाल होते हुए भी हर कोई वहां जाना चाहता है। कोई भी व्यक्ति,…
प्रतीकात्मक चित्र। संत राजिन्दर सिंह, आध्यात्मिक गुरु। विज्ञान हमेशा उन चीज़ों को समझने की कोशिश करता रहता है जो समझ से बाहर होती हैं, उन चीज़ों को सुलझाने की कोशिश करता है जो सुलझाई नहीं जा सकतीं, और उन चीज़ों को जानने की कोशिश करता है जो जानी नहीं जा…
प्रतीकात्मक चित्र। संत राजिन्दर सिंह, आध्यात्मिक गुरु। आत्मा बिना शर्त प्रेम करती है। वो कोई भेदभाव, कोई पक्षपात, और कोई अलगाव नहीं जानती। प्रभु हमारी आत्मा से बिना शर्त प्रेम करते हैं। बदले में हम भी उस प्रेम को प्रतिबिंबित कर सकते हैं, और अपने मिलने वालों में बिना किसी…
प्रतीकात्मक चित्र। संत राजिन्दर सिंह, आध्यात्मिक गुरु। पिछले दशक में, हमने वैज्ञानिक ज्ञान का एक ऐसा भारी विस्फोट देखा है, जिसने कहीं ज़्यादा ज्ञान हम तक पहुंचा दिया है। अनेक वैज्ञानिकों और डॉक्टरों की समर्पित खोजों व शोधों के परिणामस्वरूप, आज हम अपने शरीर के बारे में, और अच्छे स्वास्थ्य…