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PNB के शेयर में जोरदार उछाल, निवेशकों को बना रहा मालामाल

PNB: वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के नतीजे (FY 2024-25 Q1 Result) आने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के शेयर में जोरदार उछाल देखा जा रहा है. सोमवार 29 जुलाई 2024 को घरेलू शेयर बाजार खुलने के साथ बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) पर इसका शेयर की कीमत करीब 13 फीसदी तक उछल गया. वहीं, दोपहर बाद सेंसेक्स पर 1.54 बजे पीएनबी का शेयर 7.89 रुपये या 6.58 फीसदी की बढ़त के साथ 127.84 रुपये प्रति शेयर के स्तर पर कारोबार कर रहा है. इसके अलावा, कारोबारी सप्ताह के पहले दिन पीएनबी के साथ-साथ भारतीय स्टेट बैंक (SBI), बंधन बैंक (Bandhan Bank) और इंडसइंड बैंक (Indusind Bank) के शेयरों में भी तेजी देखी जा रही है.

पहली तिमाही में 160% उछला पीएनबी का मुनाफा समाचार एजेंसी भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 (FY 2024-25) की पहली तिमाही में सालाना आधार पर पीएनबी का शुद्ध लाभ (PNB Net Profit) चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में दोगुने से ज्यादा होकर 3,252 करोड़ रुपये रहा. पीएनबी का जून तिमाही का मुनाफा एकल आधार पर उसका अब तक का सबसे अधिक तिमाही लाभ है. कंपनी को इसमें खराब कर्ज में कमी और ब्याज आय में सुधार से मदद मिली है. वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 1,255 करोड़ रुपये रहा था.

पीएनबी का कुल आमदनी 32,166 करोड़ रुपये प्रबंध निदेशक अतुल कुमार गोयल के अनुसार, शुद्ध ब्याज आमदनी, वसूली और सीएएसए सहित विभिन्न मापदंडों में सुधार के कारण जून तिमाही में बैंक का अब तक का सबसे अधिक तिमाही लाभ रहा है. पीएनबी ने कहा कि उसकी कुल आमदनी समीक्षाधीन तिमाही में बढ़कर 32,166 करोड़ रुपये हो गई, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 28,579 करोड़ रुपये थी. बैंक की ब्याज आमदनी जून तिमाही में बढ़कर 28,556 करोड़ रुपये हो गई, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 25,145 करोड़ रुपये थी. पीएनबी की शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) जून तिमाही में बढ़कर 10,476 करोड़ रुपये हो गई है.

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पीएनबी की एनपीए घटी रिपोर्ट के अनुसार, पीएनबी की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (PNB NPA) जून 2024 तक घटकर सकल अग्रिम का 4.98 फीसदी रह गईं, जो एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में 7.73 फीसदी थी. शुद्ध एनपीए भी घटकर जून तिमाही के बाद 0.60 फीसदी रह गई, बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही के बाद 1.98 फीसदी था. नतीजतन, अप्रैल-जून वित्त वर्ष 2025 में खराब कर्ज के लिए प्रावधान भारी गिरावट के साथ 792 करोड़ रुपये रह गया, जो एक साल पहले की अवधि में 4,374 करोड़ रुपये था.

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