वो कहते हैं ना कि ‘नजरिया बदलिए नजारे बदल जाएंगे’। बहरहाल, अप्रैल बीत चुका है, अप्रेजल आ चुका है या आने वाला है और आपके पास हैं दो ऑप्शन्स या तो जॉब चेंज या फिर वर्तमान जॉब को ही जारी रखने का जुनून।
लेकिन यह कैसे तय करें। अप्रेजल अच्छा हुआ हो या (आपकी नजर में) बुरा, सबसे बेहतर है अपने बॉस से बात करें, लेकिन जॉब चेंज करते समय इन बातों पर गौर जरूर करें…
वर्क फ्रेंडली माहौल
यदि आपके ऑफिस में वर्क फ्रेंडली माहौल है तो आपको जॉब चेंज करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। क्योंकि यह संभव है कि आप किसी नए जगह पर जाएं और वहां का माहौल आपके स्वभाव से बिल्कुल ही विपरीत हो। ऐसे में जाते ही आपको फिर से जॉब चेंज करने का मन करेगा।
यदि हो चुकी है शादी
कंपनी अगर एंप्लॉयी के बारे में सोचती है। उसके वर्किंक ऑवर, पिक एंड ड्रॉप्स, लीव आदि के बारे में सही ढंग से सोचती है तो यह भी आपके जॉब चेंज नहीं करने का एक बड़ा कारण हो सकता है। खासकर जिनकी शादी हो चुकी हो और बच्चे भी हों। ऐसे में अगर वाइफ भी वर्किंग है तो अपनी लाइफ को डिस्टर्ब करना सही नहीं होगा।
अप्रेजल की वजह से न करें जॉब चेंज
अगर पिछले सालों में आपका अप्रेजल बेहतरीन रहा है। अगर एवरेज भी रहा है तो यह जरूर देख लें कि आपके साथ काम करने वाले दूसरे एंप्लॉयी की सैलरी कितनी बढ़ी है। अगर दूसरे की स्थिति भी आप जैसी ही है तो केवल अप्रेजल की वजह से आपको जॉब चेंज नहीं करनी चाहिए।
सैलरी हाइक के लिए नो रिस्क
यदि इस बार अप्रेजल अच्छा नहीं हुआ या जॉब करते हुए दो-तीन साल हो गए हैं, इसलिए जॉब चेंज कर कर रहे हैं। तो ध्यान रखें कि कभी भी थोड़ी सैलरी हाइक के लिए कंपनी के स्तर पर समझौता नहीं करें।
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