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Anshuman Gaekwad: जब सिर पर गेंद लगने के बाद अंशुमान ने दिखाई थी दिलेरी, गावस्कर ने सुनाया था किस्सा, जानें

स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Mayank Tripathi Updated Thu, 01 Aug 2024 12:49 AM IST

पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ ने बुधवार को 71 की उम्र में अंतिम सांस ली। लंबे वक्त से वह ब्लड कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। दिग्गज के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीसीसीआई सचिव जय शाह ने दुख जताया। गायकवाड़ के निधन से पूरे क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई। पूर्व सलामी बल्लेबाज गायकवाड़ 1997 से 1999 तक भारत के कोच रहे थे।

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गावस्कर ने सुनाया चौंकाने वाला किस्सा
पिछले साल उनकी जीवनी ‘गट्स एमिडस्ट ब्लडबाथ’ का विमोचन किया गया था। इस दौरान उनके साथी खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने एक चौंकाने वाला किस्सा साझा किया था।  गावस्कर ने 1976 में जमैका टेस्ट के बारे में बताया जब गायकवाड़ के सिर पर चोट लगी थी। गावस्कर ने कहा, “अंशु के सिर पर चोट लगी थी लेकिन उसने अविश्वसनीय रूप से दिलेरी दिखाई। हमने पिछले टेस्ट 400 से अधिक रन का पीछा करते हुए रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी। इस आखिरी टेस्ट से पहले सीरीज 1-1 की बराबरी पर थी।”

गावस्कर ने आगे कहा, “इस शृंखला से पहले वेस्टइंडीज की टीम ऑस्ट्रेलिया से 1-5 से सीरीज हार गई थी और क्लाइव लॉयड अपनी कप्तानी बचाने के लिए बेताब थे। वेस्टइंडीज ने टॉस जीता और हमें पहले बल्लेबाजी करने के लिए कहा। पहले दिन लंच तक हम क्रीज पर थे। लंच के बाद माइकल होल्डिंग, वेन डेनियल और हर गेंदबाज बाउंसर या बीमर डालने लगा। अचानक एक गेंद गायकवाड़ के सिर में लगी। हमें उन्हें एंबुलेंस में अस्पताल ले जाना पड़ा। अंशु ने जो साहस दिखाया उसके दम पर वह हर बार वेस्टइंडीज के खिलाफ शृंखला के लिए टीम में वापसी कर लेते थे।”

सचिन भी हैं गायकवाड़ के मुरीद
वहीं, सचिन तेंदुलकर ने भी अंशुमान गायकवाड़ की तारीफ की थी। उन्होंने बताया था कि वह भाग्यशाली थे, जो उन्हें गायकवाड़ के साथ समय बिताने का मौका मिला। सचिन ने कहा, “मैं वास्तव में भाग्यशाली था कि जब वह हमारे कोच थे तो मुझे उनके साथ समय बिताने का मौका मिला। संभवत: जब वह कोच से तो वे मेरे करिअर के बेहतर वर्ष थे। हम मेरी बल्लेबाजी और मुझे कैसा रवैया अपनाना चाहिए इसको लेकर चर्चा किया करते थे।  प्रत्येक के करिअर में उतार-चढ़ाव आते हैं लेकिन वह हमेशा आपकी मदद के लिए मौजूद रहते थे। वह ईमानदार और बेहद पारदर्शी थे। वह ऐसे व्यक्ति थे जिन पर आप भरोसा कर सकते थे। उनके साथ जो भी चर्चा होती थी वह हमेशा गोपनीय रहती थी। यह किसी कोच का महत्वपूर्ण गुण होता है। हम वास्तव में एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं।”

हरभजन सिंह ने किया गायकवाड़ के नेतृत्व में डेब्यू
हरभजन सिंह ने गायकवाड़ उनके नेतृत्व में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। उन्होंने राष्ट्रीय चयनकर्ता के रूप में भी काम किया, बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन का नेतृत्व किया और बीमार पड़ने से ठीक पहले, वे आईसीए प्रतिनिधि के रूप में बीसीसीआई की शीर्ष परिषद के सदस्य थे। 

गायकवाड़ का करियर
गायकवाड़ ने भारत के लिए 40 टेस्ट और 15 वनडे मैच खेले। वह 2000 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में उपविजेता रही भारतीय टीम के कोच भी थे। गायकवाड़ पिछले महीने देश लौटने से पहले लंदन के किंग्स कॉलेज अस्पताल में ब्लड कैंसर का इलाज करा रहे थे। हालांकि, अब उनका निधन हो चुका है।

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