Pakistan News: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला दिया है. इस फैसले से पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद इमरान खान की पार्टी “”पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ”” (PTI) पाकिस्तान की संसद में 109 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खान की पार्टी पीटीआई को महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीटों के लिए पात्र घोषित कर दिया है. जेल में बंद इमरान खान के लिए एक बड़ी खुशी की खबर है.
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उच्च न्यायालय का फैसला रद्द 71 वर्षीय इमरान खान की पार्टी “पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ” (पीटीआई) को एक बड़ी जीत मिली है. इस जीत में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश ‘काजी फैज ईसा’ ने अदालत का नेतृत्व किया है. इनके नेतृत्व वाली 13 सदस्यीय पीठ ने उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द कर दिया है. उच्च न्यायालय ने निर्वाचन आयोग के फैसले को भी अमान्य घोषित करते हुए इसे ‘पाकिस्तान के संविधान के खिलाफ’ करार दिया है. पाकिस्तान के उच्च न्यायालय ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) द्वारा नेशनल असेंबली और प्रांतीय विधानसभाओं में आरक्षित सीटों पर पार्टी को हिस्सा देने से इनकार करने के कदम को बरकरार रखा है.
वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के लिए एक बड़ा झटका उच्च न्यायालय के इस फैसले को पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की सत्ता रूढ़ गठबंधन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. क्योंकि इमरान खान की पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने वाली है. फैसले के अनुसार- इमरान खान की पार्टी में 23 आरक्षित सीटें हासिल करने के बाद इसकी संख्या 86 से बढ़कर 109 हो जाएंगे. हालांकि शहबाज शरीफ की सरकार बनी रहेगी.
क्या है पूरा मामला सबसे पहले पाकिस्तान में यह विवाद आरक्षित सीटों को लेकर शुरू हुआ था. निर्वाचन आयोग ने सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें पार्टी की नेशनल असेंबली की 70 और चार प्रांतीय एसेंबली की 156 आरक्षित सीटों में से उसे उसका हिस्सा देने का अनुरोध किया था. पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने एसआईसी की अर्जी यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि उसने बतौर पार्टी यह चुनाव नहीं लड़ा था और उसे संख्या बल तब मिला जब पीटीआई समर्थित विजेता निर्दलीय उम्मीदवार उसके साथ आ गए.
यह भी जानें गत 8 फरवरी को संपन्न चुनाव में इमरान खान की “पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ” चुनाव नहीं लड़ सकी थी क्योंकि निर्वाचन आयोग ने उसके अंतर पार्टी चावन को खारिज कर दिया था और उनके चुनाव चिन्ह बाला को भी वापस ले लिया था. पीटीआई महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीटों पर दावेदारी जताने के लिए पत्र नहीं था. सदन में सीट उन्हीं को दी जाती है जो आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर विजय पाते हैं. ऐसे में जिन उम्मीदवारों ने निर्दलीय रूप से चुनाव जीतकर पीटीआई को समर्थन दिया था उन्हें पीटीआई नेतृत्व से एसआईसी में शामिल होने का निर्देश दिया गया था ताकि पार्टी आरक्षित सीटों पर दावेदारी जाता सकें.
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