न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Mon, 08 Jul 2024 09:51 PM IST
इंदौर में एक सप्ताह से टमाटर के दाम तेजी से बढ़ रहे, मंडी व्यापारियों और किसानों ने कहा जल्द राहत मिलने की उम्मीद नहीं, आलू, प्याज और लहसुन भी महंगे
इंदौर की मंडी में 120 रुपए किलो तक हुआ टमाटर। – फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर
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इंदौर में पिछले एक सप्ताह से टमाटर 120 रुपए किलो मिल रहा है। इसके साथ आलू, प्याज और लहसुन भी महंगे हुए हैं। मंडी व्यापारियों और किसानों का कहना है कि अभी तुरंत राहत मिलने की उम्मीद कम लग रही है।
राजस्थान से आवक बंद
चोइथराम सब्जी मंडी अध्यक्ष सुंदर माखीजा ने बताया कि इस साल टमाटर की आवक कम है। एक महीने पहले तक भी दाम ठीक थे लेकिन एक महीने दाम बढ़ गए हैं। इसका सबसे प्रमुख कारण है राजस्थान से टमाटर का आना बंद हो गया है। माखीजा ने बताया कि राजस्थान से 400 रुपए कैरेट टमाटर आ रहा था। वहां पर अचानक तेज बारिश हुई और बहुत माल खराब हो गया। अब महाराष्ट्र से टमाटर आ रहा है लेकिन 1500 रुपए कैरेट तक मिल रहा है। इसमें भी महाराष्ट्र के व्यापारी बहुत कम माल भेज पा रहे हैं। माखीजा ने बताया कि दाम कब कम होंगे इसके बारे में बताना मुश्किल है लेकिन आगामी 15 दिन से लेकर एक महीने तक राहत मिल सकती है।
देशभर में यही स्थिति
माखीजा ने कहा कि सिर्फ इंदौर या मप्र में टमाटर महंगा नहीं है। देश के हर राज्य में यही स्थिति बन रही है। बहुत कम राज्यों के पास में स्टाक बचा है। अभी एक महीने तक किसान फिर से टमाटर लगाएगा भी नहीं। इसलिए जो स्टाक है उसी में मैनेज करना है। बारिश की वजह से कई राज्यों में टमाटर खराब हुआ है। एक से दो महीने बाद फिर से किसान टमाटर लगा सकता है। इसके बाद दाम में और भी कमी आएगी।
आलू, प्याज, लहसुन भी महंगे
राजकुमार सब्जी मंडी के व्यापारी निखिल कुशवाह ने बताया कि इन दिनों सिर्फ टमाटर ही महंगा नहीं मिल रहा है। आलू, प्याज और अन्य सब्जियां भी महंगी मिल रही हैं। आलू 40 रुपए किलो और प्याज 40 रुपए किलो है। लहसुन 200 से 300 रुपए किलो बिक रहा है।
किसानों ने ट्रक भरकर फेंके टमाटर, अब उगाना ही बंद कर दिए
राजकुमार मंडी की व्यापारी मुन्नी बाई किसान परिवार से आती हैं। उन्होंने बताया कि एक समय किसान ट्रक भरकर टमाटर फेंककर चला जाता था। पिछले दो से तीन साल से टमाटर के दाम बढ़ रहे हैं और अब कहीं भी आपने किसान को टमाटर फेंकते हुए नहीं देखा होगा। मुन्नी बाई ने बताया कि अब किसान सोयाबीन, कपास और अन्य फसल पर चला गया है। वह समझदार हो रहा है और उतना ही पैदा कर रहा है जितनी जरूरत है। इसके साथ बाजार में कमी भी बनाकर रखता है। पिछले साल टमाटर दो महीने तक मिलना ही बंद हो गए थे और 200 रुपए के पार चले गए थे। इस साल भी यही स्थिति है।
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