बांधवगढ़ एसडीएम रीता डेहरिया – फोटो : अमर उजाला
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आम लोगों के साथ धोखाधड़ी की बात आए दिन सामने आती रहती है। लेकिन, मध्य प्रदेश में एक अधिकारी ने दूसरे अधिकारी के ऊपर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। यह आरोप उमरिया जिले में सड़क निर्माण करने वाले विभाग के शहडोल डिवीजन के अधिकारियों पर लगा है। एसडीएम बांधवगढ़ रीता डेहरिया ने अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस को पत्र लिखा है। मामले को लेकर एमपीआरडीसी के अधिकारी ने कोतवाली थाना पहुंचकर अपने बयान भी दर्ज कराए हैं।
अनुविभागीय अधिकारी बांधवगढ़ रीता डेहरिया ने कोतवाली पुलिस को केस दर्ज करने के लिए पत्र लिखा है। पत्र में मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के सहायक महाप्रबंधक विनोद तन्तुवाह और एक सहायक कर्मचारी कीर्ति मिश्रा पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह दोनों अधिकारी लैपटॉप लेकर मेरे कार्यालय में आए और मुझ से डिजिटल सिग्नेचर मांगा। कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि भूमि राशि पोर्टल पर भूअर्जन की अवार्ड राशि के भुगतान के लिए भू अर्जन अधिकारी का डिजिटल सिग्नेचर रजिस्टर्ड करना है।
जिसके बाद ऑपरेटर ने डिजिटल सिग्नेचर सहायक महाप्रबंधक विनोद तन्तुवाह को दिया। कुछ देर बाद बताया कि डिजिटल सिग्नेचर रजिस्टर्ड होते ही एसडीम को बताया जाएगा। लेकिन, डिजिटल सिग्नेचर रजिस्टर्ड कर ट्रांजैक्शन कराए जाने के लिए नहीं बताया गया। 4 अप्रैल 2024 को पोर्टल पर डिजिटल सिग्नेचर रजिस्टर्ड हुआ या नहीं। इसकी अधिकारी को जानकारी नहीं है। इधर, डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग कर 4 करोड़ 9 लाख 55 हजार 311 रुपये सात हितग्राहियों को भुगतान कर दिया गया। भुगतान की जानकारी अनु विभागीय अधिकारी को नहीं थी। भुगतान की शिकायत मिलने पर भूमि स्वामी पोर्टल आईडी से जांच की गई।
कार्यालय के जीमेल पासवर्ड का उपयोग कर ओटीपी प्राप्त कर मेरी अनुमति लिए बिना हितग्राहियों का भुगतान किया गया और धोखाधड़ी की गई। 4 अप्रैल 2024 को एसडीम बांधवगढ़ के खाते से सात हितग्राहियों को भुगतान किया गया। सात व्यक्तियों को भू अर्जन अधिकारी से धोखाधड़ी कर सहायक महाप्रबंधक विनोद कुमार तन्तुवाह और कंप्यूटर ऑपरेटर कीर्ति मिश्रा ने राष्ट्रीय कोषालय में सेंधमारी कर भुगतान कर दिया। जिसकी एसडीएम को कोई जानकारी नहीं है। धोखाधड़ी पर कड़ी कार्रवाई और दण्डात्मक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है।
अनुविभागीय अधिकारी बांधवगढ़ के प्राथमिति दर्ज होने करने के पत्र के बाद दोनों विभागों के अधिकारी आमने-सामने आ गए हैं। मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के सहायक महाप्रबंधक भी शुक्रवार को कोतवाली पहुंचे और अपना बयान दर्ज कराया। विनोद तन्तुवाह ने बताया कि डिजिटल सिग्नेचर अनुविभागीय अधिकारी को ही लगाना होता है, यह उनके ही अधिकार क्षेत्र का है। हम लोग 4 जून को आए थे। एनरोलमेंट की कार्रवाई करने के बाद 5 तारीख को डिजिटल सिग्नेचर हुए हैं और 17 तारीख को भुगतान हुआ है। पूरी कार्रवाई एसडीएम के समक्ष हुई है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एसडीएम बांधवगढ़ ने आवेदन दिया है जिसकी जांच की जा रही है।
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