चीते की रफ्तार – फोटो : अमर उजाला
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श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क से मादा चीता वीरा ग्वालियर आ गई है। चीता वीरा ने ग्वालियर-मुरैना की सीमा पर बसे भंवरपुरा के बाग वाला गांव में तीन बकरियों का शिकार किया। एक बकरी को जंगल में खींचकर ले गई। गांव में चीता आने से लोगों में दहशत है। ग्रामीण घर से अकेले नहीं निकल रहे हैं। झुंड में खेतों की ओर जा रहे थे। वन विभाग भी अलर्ट हो गया है। चीता को पकड़ने के लिए टीमें लगा दी गई हैं।
मादा चीता वीरा कूनो से जंगलों से होते हुए ग्वालियर-मुरैना की सीमा में पहुंची है। शनिवार शाम भंवरपुरा के बाग वाला गांव में वीरा ने दस्तक दी। यहां चीता ने बकरी चरा रहे धर्मवीर गुर्जर की बकरीयों पर हमला कर दिया। तीन बकरियां घायल हो गईं, इनमें से एक को मारकर चीता घसीटकर जंगल किनारे खेत में ले गई। धर्मवीर गुर्जर ने गांव के सरपंच शिव सिंह गुर्जर के पास पहुंचा और जानकारी दी। सूचना मिलने के करीब एक घंटे बाद ग्वालियर से वन विभाग के रेंजर अंकित पाण्डे, रेंजर शैलेन्द्र गुर्जर, रेंजर मोहना सचिन गुप्ता समेत अन्य स्टाफ घटनास्थल पर पहुंचे। वन विभाग की टीम रेस्क्यू नहीं कर पाई। चीता वीरा मेढ़ पर बैठी रही। डीएफओ और सीसीएफ ने वीरा को पकड़कर वापस कूनो पहुंचाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं।
भंवरपुरा व आसपास के गांव में दहशत का माहौल है। बाग वाले गांव में लोग खेतों पर ग्रुप में जा रहे हैं। खेतों पर मवेशी भी होते हैं। उनकी रक्षा के लिए गांव वाले डंडे लेकर पहरा दे रहे हैं, क्योंकि आचार संहिता के चलते गांव के सभी लाइसेंसी हथियार थानों में जमा हैं।
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