कैसे हुआ करोड़ों का भ्रष्टाचार
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या दूसरे पद पर रहने वालों को मिले तोहफों को तोशाखाना में जमा कराना होता है. यदि तोहफा 10 हजार पाकिस्तानी रुपये की कीमत वाला होता है, तो बिना पैसा चुकाये संबंधित व्यक्ति इसे रखने का अधिकारी होता है. यदि चार लाख से ज्यादा का तोहफा है, तो इसे सिर्फ प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति ही खरीद सकते हैं. यदि कोई नहीं खरीदता, तो नीलामी होती है. इमरान ने यहीं पर खेल कर दिया. दो करोड़ के तोहफे को पांच लाख का बता कर खरीदा और फिर वास्तविक कीमत से भी कई गुना ज्यादा पर बेचने का काम किया. बाद में इमरान ने चुनाव आयोग को बताया था कि उन्होंने तोशाखाने से इन सभी गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपये में खरीदा था, बेचने पर उन्हें 5.8 करोड़ रुपये मिले थे. बाद में खुलासा हुआ कि यह रकम 20 करोड़ से ज्यादा थी.
भाषा इनपुट के साथ
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