चित्र सौजन्य : विकीपीडिया/कोवलम बीच।
कोवलम का अर्थ है नारियल वृक्षों का समूह, केरल के तिरुवनंतपुरम में ‘कोवलम बीच’, साल 1930 के दशक की शुरुआत से ही पर्यटन का एक बड़ा केंद्र है, यह पहले भी था लेकिन इसे अंतराट्रीय पहचान इस समय मिली। कारण कई थे, लेकिन सबसे बड़ा कारण यह था कि यह प्राकृतिक रूप में काफी समृद्ध है। कोवलम बीच चट्टान की दीवार के साथ तीन अर्धचंद्राकार समुद्र तट हैं जो कोवलम को समुद्री तैराकी के लिए देश के सबसे अच्छे स्थानों में से एक है। आप यहां कटमरैन क्रूज पर भी जा सकते हैं या धूप का आनंद ले सकते हैं।
यह एक बेहतर हनीमून डेस्टीनेशन है। एक्वामरीन का पानी और रेत के अंदरुनी टीले, यहां इत्मीनान से रहने के लिए एकदम बेहतर हैं। कोवलम में हर तरह के बजट के अनुरूप कई होटल और रिसॉर्ट स्थापित किए गए हैं। वास्तव में, समुद्र तट के पास यहां कई किफायती कॉटेज हैं, इसलिए आप समुद्र तट पर लहरों की आवाज और आरामदायक, घरेलू कमरे में रहते हुए एक प्यारी समुद्री हवा खुद को तरोताजा रख सकते हैं।
भारत और विदेशों से बड़ी संख्या में पर्यटकों का तांता लगभग साल भर रहता है। यहां आपको मलयालम, अंग्रेजी, हिंदी और तमिल समझने और कुछ बोलने वाले लोग मिल जाएंगे। यहां टूरिस्ट गाइड के तौर पर यह आसानी से मिल सकते हैं। इसके अलावा राज्य के अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया है कि कोवलम में कई मनोरंजक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं और आपको यहां वह मिलेंगी जैसे कि परिसर में स्विमिंग पूल, आयुर्वेदिक मालिश केंद्र, हर्बल बॉडी-टोनिंग मालिश और स्वास्थ्य रिसॉर्ट, बजट कॉटेज, खरीदारी, सम्मेलन क्षेत्र और योग केंद्र शामिल हैं। नृत्य प्रदर्शन और संगीत कार्यक्रमों के जरिए केरल की विरासत को प्रदर्शित करने वाले विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम भी यहां आयोजित किए जाते हैं।
कोवलम अपने स्वादिष्ट भोजन के लिए भी प्रसिद्ध है। जबकि समुद्री भोजन (सी-फूड) काफी असाधारण है, यहा आप पारंपरिक दक्षिण भारतीय व्यंजन, का लुत्फ ले सकते हैं। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम, कोवलम से महज 16 किमी दूर है और यहां पहुंचना बहुत आसान है। लेकिन, यदि आप छुट्टियों मनाने के मूड में हैं तो कोवलम में रहकर शहर देखना आपके लिए बहुत शानदार अनुभग होगा।
तिरुवनंतपुरम नगर में देखने के लिए अनेक दिलचस्प जगह हैं जैसे नेपियर म्यूजियम इसे सरकारी कला संग्रहालय भी कहते हैं, मद्रास के भूतपूर्व गवर्नर जनरल जॉन नैपियर के नाम पर इसका नाम नैपियर म्युजियम पड़ा। वास्तुकला की दृष्टि से इस संग्रहालय को बहुमूल्य रत्न कहा जाता है। इस संग्रहालय में केरल की परंपरागत शैली, चाइनीज और मुगलों की कला का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है।
श्री चित्र आर्ट गैलरी, यहां राजा रवि वर्मा और रोरिच की पेंटिंग्स का विशाल संग्रह है। इसके अतिरिक्त अजंता, मुगल पेटिंग के साथ साथ जापान, तिब्बत, बाली और चीन की चित्रकारी कला से भी आप यहां रुबरु हो सकते है। कुथिरा मलिका (महल संग्रहालय), इस महल को पूथेन मलिका नाम से भी जाना जाता है। यह महल त्रावनकोर के राजा स्वाथि थिरूनल के शासन काल में बना था। वह एक महान कवि और संगीतकार थे। महल में परंपरागत त्रावनकोर शैली में लकड़ी पर नक्काशी की गई है। इस महल में शाही परिवारों की चित्रकारी भी आपको देखने को मिल जाएगी।
पेपारा वन्य जीव अभयारण्य यह घूमने के लिए बेहतर जगह है यह तिरुवंतपुरम के पश्चिमी घाट पर स्थित है। यह अभयारण्य 53 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। विशाल पहाड़ियों और युकेलिप्टस के पेड़ों से घिरे इस अभयारण्य में हाथी, सांभर, तेंदुआ, मकाक आदि जानवर पाए जाते है। तिरूवन्तपुरम से 50 किलोमीटर दूर तिरूवनन्तपुरम-पोन्मुड़ी रोड़ पर यह अभयारण्य है।
यहां आप पद्मनाभस्वामी मंदिर के दर्शन कर सकते हैं, यह मंदिर भगवान विष्णु के 108 दिव्य स्थानों में एक है। भगवान विष्णु की मूर्ति यहां लेटी हुई मुद्रा में हैं। मंदिर की देखरेख शहर के राजघराने द्वारा की जाती है। कोवालम से 14 किलोमीटर दूर त्रिवेन्द्रम में स्थित यह सात मंजिला मंदिर शहर की ऐतिहासिक निशानी है। द्रविड भवन निर्माण कला का यह मंदिर उत्कृष्ट उदाहरण है।
इस सभी के अलावा एसएमएसएम (SMSM) इंस्टीट्यूट, जो राज्य सरकार के स्वामित्व का हैंडीक्राफ्ट एंपोरियम है, विलक्षण वस्तुओं और अन्य सामान खरीदने की अच्छी जगह है।
कैसे पहुंचें : नजदीकी रेल्वे स्टेशन – तिरुवनंतपुरम सेंट्रल, लगभग 16 किमी. नज़दीकी एयरपोर्ट – तिरुवनंतपुरम अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, लगभग 10 कि.मी.।
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