मॉस्को : रूस-यूक्रेन के बीच करीब पिछले डेढ़ साल से चल रहे युद्ध के बीच अचानक वेग्नर ग्रुप की ओर से सशस्त्र विद्रोह ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रूस के लिए मुसीबत खड़ी कर दी. मीडिया की रिपोर्ट की मानें, तो अब वेग्नर ग्रुप के प्रमुख और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच समझौता हो गया है और वेग्नर ने रूस के खिलाफ उठाए हथियार को नीचे करने का फैसला किया है. रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन और वैग्नर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रीगोझिन समझौता कराने में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशंको की मध्यस्थता ने अहम भूमिका निभाई है. बताया जा रहा है कि येवगेनी प्रीगोझिन और बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंकों के बीच गाढ़ी दोस्ती है और पुतिन के साथ समझौते में उनकी यह दोस्ती ही काम आई. समाचार एजेंसी तास के अनुसार, अलेक्जेंडर लुकाशेंकों और येवगेनी प्रीगोझिन की दोस्ती की वजह से होने वाले समझौते ने रूस में होने वाले एक बड़े नरसंहार को टाल दिया.
अभी बेलारूस नहीं पहुंचे हैं वैग्नर प्रमुख और उनके लड़ाके
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सत्ता में दो दशकों से अधिक समय के कार्यकाल को सबसे बड़ी चुनौती देते हुए ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख येवगेनी प्रीगोझिन ने अपने लड़ाकों को मॉस्को की तरफ कूच करने का आदेश दिया था. हालांकि, येवगेनी प्रीगोझिन ने अचानक क्रेमलिन के साथ समझौते के बाद निर्वासन में जाने और पीछे हटने की घोषणा कर दी. हालांकि, येवगेनी प्रीगोझिन के रविवार सुबह तक बेलारूस पहुंचने की कोई खबर नहीं मिली. वहीं, प्रीगोझिन निर्वासन में ‘वैग्नर’ के लड़ाकों के साथ शामिल होंगे या नहीं और उनकी वहां क्या भूमिका हो सकती है, यदि कोई होगी तो, इस प्रकार के कई सवालों के जवाब भी अभी तक नहीं मिल पाए हैं.
विद्रोह ने रूसी सैनिकों की कमजोरियों को किया उजागर
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि, इस संक्षिप्त विद्रोह ने रूसी सरकारी बलों के बीच कमजोरियों को उजागर कर दिया. येवगेनी प्रीगोझिन की कमान के तहत वैग्नर ग्रुप के सैनिक रूसी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन में निर्बाध रूप घुसने और मास्को की ओर सैकड़ों किलोमीटर आगे बढ़ने में सक्षम थे. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव द्वारा शनिवार को घोषित समझौते के तहत प्रीगोझिन पड़ोसी बेलारूस जाएंगे, जिसने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का समर्थन किया है.
येवगेनी प्रीगोझिन के खिलाफ नहीं चलेगा अभियोग
रूस ने शनिवार को कहा कि सरकार के खिलाफ बागी तेवर अपनाने वाली ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख येवगेनी प्रीगोझिन और उनके लड़ाकों पर कोई अभियोग नहीं चलाया जाएगा. रूस के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का ऐलान करने वाले येवगेनी प्रीगोझिन ने अपने लड़ाकों को रूस की राजधानी मॉस्को की तरफ कूच करने का आदेश दिया था. हालांकि, बाद में उन्होंने लड़ाकों से अचानक रास्ता बदलने को कहा था.
येवगेनी ने खून न बहाने का किया ऐलान
वैग्नर प्रमुख येवगेनी प्रीगोझिन ने शनिवार को कहा था कि उन्होंने अपने लड़ाकों को मॉस्को की तरफ न बढ़ने और यूक्रेन में अपने आधार शिविरों में लौटने का आदेश दिया है, ताकि रूसी नागरिकों का खून न बहे. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दो दशक से अधिक समय के कार्यकाल में यह उनके समक्ष पेश आई सबसे बड़ी चुनौती है. क्रेमलिन (रूस का राष्ट्रपति भवन) के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने शनिवार को घोषणा की कि प्रीगोझिन बेलारूस जाएंगे, जिसने यूक्रेन के खिलाफ रूस के आक्रमण का समर्थन किया था. प्रीगोझिन और उनके लड़ाको के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह भड़काने के आरोप हटा दिए जाएंगे और उनके साथ शामिल होने वाले लड़ाकों पर भी कोई मुकदमा नहीं चलाया जाएगा.
अनुबंध की पेशकश करेगा रक्षा मंत्रालय
पेसकोव ने यह भी कहा कि वैग्नर ग्रुप के जिन लड़ाके ने विद्रोह में येवगेनी प्रीगोझिन का साथ नहीं दिया, उन्हें रक्षा मंत्रालय की ओर से अनुबंध की पेशकश की जाएगी. इससे पहले, पुतिन ने शनिवार को टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम दिए संबोधन में वैग्नर ग्रुप द्वारा सशस्त्र विद्रोह के ऐलान को ‘विश्वासघात’ और ‘राजद्रोह’ करार दिया था. पेसकोव ने प्रीगोझिन और उनके लड़ाकों को स्वतंत्र रूप से जाने की अनुमति देते हुए कहा कि पुतिन का सबसे बड़ा मकसद उस रक्तपात एवं आंतरिक टकराव से बचना है, जिसके अप्रत्याशित परिणाम हो सकते हैं.
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