चित्र : सीआरआई।
- श्याओ थांग, बीजिंग, चीन।
चीन का इतिहास सदियों पुराना है, यदि हम बात हान राजवंश के करें तो छांगआन नगर प्राचीन चीन के पश्चिमी हान सम्राज्य (ईसा पूर्व दूसरी शताबदी से ईस्वी बाद पहली शताबदी तक) की राजधानी हुआ करता था, जिसकी स्थापना ईसा पूर्व 202 में हुई।
यह हान जाति की संस्कृति का उद्गम स्थल है, और प्राचीन रेशम मार्ग का पहला पड़ाव है। हान राष्ट्रीयता, हान लोग, चीनी भाषा और चीनी संस्कृति जैसी ऐतिहासिक अवधारणाओं ने यहां जन्म लिया था।
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हान राजवंश का छांगआन नगर प्राच्य नागरिक वास्तुकला परंपरा का प्रतिनिधि चीनी इतिहास में पहला महानगरीय शहर भी था। उस काल में शहर का क्षेत्रफल 36 वर्ग किलोमीटर था, जहां वेईयांग महल, छांग-ल महल, उत्तर महल, क्वेई महल, मिंगक्वांग महल, च्येनचांग महल आदि शानदार महलों, तथा आठ सड़कों, छांगआन नौ बाजारों आदि का निर्माण किया गया था। तत्काल पूर्व में छांगआन और पश्चिम में प्राचीन रोम दोनों महानगर विश्वविख्यात था।
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4 मार्च 1961 को चीनी राज्य परिषद द्वारा वेईयांग महल के खंडहर को पहली खेप वाली राष्ट्र स्तरीय महत्वपूर्ण सांस्कृतिक संरक्षण इकाइयों में शामिल किया गया। 22 जून, 2014 को आयोजित 38वें विश्व विरासत समिति के सम्मेलन में, ‘हान राजवंश में छांगआन नगर के वेईयांग महल का खंडहर’ चीन, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान तीनों देशों के संयुक्त रूप से तैयार ‘सिल्क रोड, छांगआन-थ्येनशान गोरिडोर का रूट्स नेटवर्क’ में आने इस खंडहर को युनेस्को ‘विश्व विरासत सूची’ में शामिल किया गया। यह खंडहर उत्तर-पश्चिमी चीन के शेनशी प्रांत की राजधानी शीआन शहर के पश्चिमोत्तर उपनगर में वेई-ह नदी के आसपास स्थित है।
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