चित्र : पोताला महल/अखिल पाराशर।
- अखिल पाराशर, ल्हासा/तिब्बत।
चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के ल्हासा शहर में स्थित पोताला महल की खूबसूरती की जितनी भी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। इसे तिब्बत के सबसे महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थलों में गिना जाता है। यह आस्था का प्रमुख केंद्र है, साथ ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी बना हुआ है। न केवल देसी पर्यटक बल्कि इसे देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक आते हैं।
पोताला, जिसे ‘बुद्ध पर्वत’ के रूप में भी जाना जाता है, तिब्बत में सबसे प्रसिद्ध इमारत है। यह समुद्र तल से 3767 मीटर की भौगोलिक ऊंचाई पर स्थित है। यह विशाल निर्माण दुनिया के उच्चतम महल के रूप में पहचाना जाता है। साल 1649 से 1959 तक दलाई लामाओं का शीतकालीन महल होता था।
लगभग 3 लाख 60 हजार वर्ग मीटर (41 हैक्टर) में फैला यह एक विशाल, भूकंपरोधी मिट्टी और ईंट की संरचना है जिसमें तिब्बती सबसे मूल्यवान अवशेषों का सबसे बड़ा संग्रह है। इमारतों का परिसर तिब्बत की स्थापत्य परंपराओं में बनाया गया है। साल 1994 में पोताला महल को विश्व सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया।
पोताला महल तीन भागों में बंटा हुआ है, पूर्वी भाग में श्वेत महल है, जहां दलाई लामा रहते थे, मध्य भाग में लाल भवन है, जहां बुद्ध भवन तथा विभिन्न दलाई लामाओं के स्तूप रखे गए हैं और पश्चिमी भाग में पीला भवन है, जिसमें भिक्षुओं के विहार स्थित हैं। कुल मिलाकर यह महल बहुत ही खूबसूरत है और काफी ऊंचाई यानी पहाड़ पर बसा हुआ है।
दलाई लामा का महल तकरीबन 13 मंजिल ऊंचा है। इसमें तकरीबन एक हजार से ज्यादा कमरे हैं और खास बात यह है कि इसमें लगभग दो लाख मूर्तियां व दस हजार मठ स्थित हैं। 12वें मंजिल पर दलाई लामा का निवास स्थान है, साथ ही एक बैठक कक्ष भी है जहां अपने अधिकारियों व वरिष्ठ अनुयायियों के साथ बैठक करते थे।
चीन ने अब तक पोताला महल के पुनर्निर्माण में करीब 23 करोड़ युआन (तकरीबन 230 करोड़ रूएए) खर्च किए हैं। यह एक शानदार बुर्जनुमा भवन है जो तिब्बत का एक प्रतीकात्मक वास्तु है। इसका पूरा निर्माण तिब्बती वास्तु शैली में किया गया है। यहां बेशुमार कीमती चीजें हैं और एक तरह से यह देश का कलाकृति खजाना माना जाता है।
17वीं शताब्दी में इसका दोबारा निर्माण हुआ और बाद में यह कई पीढ़ियों के दलाई लामा का आवास बनाया गया। यह महल तिब्बत के थुबो राजकाल में राजा सोंगत्सांकांबू ने थांग राजवंश की राजकुमारी वनछङ के साथ विवाह के लिए बनवाया था। यह तिब्बत के राजनीतिक व धार्मिक मिश्रित शासन का केन्द्र हुआ करता था।
आप हमें फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और लिंक्डिन पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।
Be First to Comment