ग्रेजुएशन करने के बाद यदि बिजनेस में अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहते हैं तो पैकेजिंग इंडस्ट्री में नाम, पैसा और शौहरत तीनों ही कमा सकते हैं। यह बहुत आसान है। मार्केट में पैकेजिंग बिजनेस करने का सही समय यही है क्योंकि ऐसे कई पड़ोसी देश हैं, जिन्होंने भारतीय बाजारों को सस्ते और खराब पैकेजिंग मटेरियल से भर दिया है।
वर्तमान में भारतीय उत्पादक अच्छे और गुणवत्तायुक्त पैकेजिंग मटेरियल को ही तरजीह देते हैं। ऐसे में आप यदि अपने पैकेजिंग की गुणवत्ता बेहतर रखते हैं तो मार्केट में अपना बिजनेस तेजी से बढ़ा सकते हैं।
वहीं, कृषि, ऑटोमोबाइल, हेल्थकेयर यह ऐसे सेक्टर हैं जहां अच्छे पैकेजिंग करने वाली कंपनियों की जरूरत हमेशा बनी रहती है। यह कंपनियां 1 से 5 साल के अनुबंध के आधार पर पैकेजिंग करने वाली कंपनियों को मौका देती हैं।
यदि कंपनी नहीं तो ये भी एक तरीका
यदि आप पैकेजिंग से संबंधित कोई कंपनी नहीं खोलना चाहते तो भारत में कई विदेशी ब्रांड अपना बिजनेस बढ़ाना चाहते हैं। ऐसे में छोटे शहरों और कस्बों में वे फ्रेंचाइजी देते हैं। आप अपने बिजनेस मॉडल के आधार पर कम पूंजी में किसी भी बड़े ब्रांड की फ्रेंचाइजी लेकर मुनाफा कमा सकते हैं।
करियर के लिहाज से बेहतर
देश में बेरोजगारी बेइंतहा बढ़ रही है, ऐसे में यह बिजनेस आपके करियर को नई उड़ान देगा साथ में आपसे जुड़कर और भी कई लोगों को रोजगर मिलेगा। भारत में पैकेजिंग इंडस्ट्री का मार्केट दुनिया का चौथा सबसे बड़ा पैकेजिंग मार्केट है। यदि आप डिजाइनिंग सॉफ्टवेर की समझ, पैकेजिंग इंडस्ट्री की चुनौतियां, ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट और लीगल इश्यू की समझ रखते हैं तो आप एक बड़ी कंपनी खड़ी कर सकते हैं।
वेडिंग और कॉर्पोरेट सेक्टर में है डिमांड
भोपाल की धारा कृति पैकेजिंग कंपनी की ऑनर ऋतिका तिवारी बताती हैं, ‘वेडिंग हमेशा होगीं और कॉर्पोरेट इंडस्ट्री में इवेंट होते रहेंगे। ऐसे में पैकेजिंग इंडस्ट्री की डिमांड हमेशा बनी रहेगी। यदि आप बहुत बड़े स्तर पर ऐसा कुछ नहीं करना चाहते हैं, तो स्थानीय तौर पर पैकेजिंग बिजनेस करियर बेहतर विकल्प है।’
पैकिजिंग में करना चाहें प्रोफेशनल कोर्स
यदि पैकेजिंग इंडस्ट्री में आप प्रोफेशनली तौर पर आना चाहें तो ग्रेजुएशन के बाद 2 साल का पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन पैकेजिंग कर सकते हैं। इसके अलावा बीटेक के अंतरगत बीटेक इन पैकेजिंग टेक्नोलॉजी यानी 4 साल का ग्रेजुएशन कर सकते हैं। इसके अलावा मुंबई में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पकैजिंग और एस.आई.ई.एस. स्कूल ऑफ पैकेजिंग टेक्नोलॉजी सेंटर है। जिनकी शाखाएं देश अलग-अलग शहरों में मौजूद हैं। जहां से आप यह डिप्लोमा, ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन भी कर सकते हैं।
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