जिंदगी की यात्रा में कई मोढ़ हैं, कई ठहराव हैं तो कई किनारे और हम इस कश्ती के नाविक हैं। यह बातें हमने बचपन से कई लोगों से कई तरह से सुनी हैं, लेकिन इन्हें अमल में कितने लोग लाते हैं? शायद बहुत कम लोग… गौर करने वाली बात यह है कि यदि आप जिंदगी के कठिन दौर से गुजर रहे हैं, तो यह एक अच्छा संकेत हैं। बशर्ते यदि आप इसे पॉजिटिव तरीके से लेते हैं।
इतिहास के पन्नों को पलटें तो लगभग सभी महान व्यक्तियों ने कठिन परिस्थितियों से शुरूआत कर एक नई इबारत पेश की है। ध्यान रखें आसमान में चमकते सितारे अंधेरे में ही दिखाई देते हैं। कहने का मतलब यह है कि जब चारों तरफ अंधेरा यानी परेशानियां आएं तो समझ लें कि प्रकृति आप पर मेहरबान है और वो उन सितारों में आपको देखना चाहती है। लेकिन, यह तभी हो पाएगा जब आपको अपने ऊपर पूरा विश्वास हो इसके बिना कुछ भी संभव नहीं।
किस्मत नहीं यह है संघर्ष
यह पूरा मामला खदान के उस पत्थर की तरह है जिसमें से दो पत्थर निकाले जाते हैं, एक किसी के घर की छत पर तो एक मंदिर में भगवान का स्वरूप बनकर जिंदगी भर पूजा जाता है। ठीक इसी तरह, प्रकृति ने दो मनुष्य को जन्म दिया जिनमें से एक बहुत आगे तो एक बहुत पीछे है। इसका एक ही कारण है और वो यह कि जब विषम परिस्थितियां आईं तो पहला व्यक्ति संघर्ष करता रहा और आगे बढ़ गया और दूसरा व्यक्ति अपनी हार मानकर जो था उसी में संतोष कर लिया।
चुनौती भरा सफर होता है हमसफर
सोचिए! गुजरात के पोरबंदर के रहने वाले मोहन दास करमचंद्र गांधी यदि दक्षिण अफ्रीका में अच्छी खासी चल रही वकालात नहीं छोड़ते तो क्या वो महात्मा गांधी बन पाते? उन्होंने देश की आजादी के लिए अपना करियर कुर्बान कर दिया और भारत की आजादी के लिए चुनौती भरे सफर पर निकल पड़े थे। ठीक इसी तरह जब चंडीगढ़ में एक अंग्रेजी अखबार की नौकरी छोड़ कर एक युवा मुंबई पहुंचा और फिल्मों में गीत लिखने के हुनर को सबके सामने नहीं लाता तो क्या वो बॉलीवुड का मशहूर गीतकार इरशाद काम़िल बन पाता?
यह महज दो उदाहरण हैं ऐसे अनगिनत उदाहरण हमारे सामने मौजूद हैं। इन दोनों उदाहरण में एक खास बात यह है कि दोनों ने ही अपने हुनर पर विश्वास किया और कुछ कर गुजरने की चाहत को ‘विश्वास की शक्ति’ से साबित किया।
ऐसे कीजिए ‘विश्वास की शक्ति’ अर्जित
‘विश्वास की शक्ति’ कैसे अर्जित की जा सकती है? यह प्रश्न हर उस व्यक्ति के मन में उठना लाजिमी है, जिसने भी इस आलेख को ध्यान से पढ़ा है। ‘विश्वास की शक्ति’ को अर्जित करने से पहले आपको स्वयं पर विश्वास करना बेहद जरूरी है।
फीचर फंडा: आपको अपने ऊपर विश्वास तभी होगा जब अपने काम को लेकर पूरी तरह से आत्मविश्वास रखते हैं। यह तभी होगा जब उस कार्यक्षेत्र के बारे में हर छोटी से छोटी और बड़े से बड़े अनुभव को आपने देखा है। यह आपको सिर्फ और सिर्फ अनुभव से मिल सकता है। तो इस बार जिंदगी में ठहराव आने पर परेशान ना हों, संभावनाएं तलाशें… यह दुनिया आपका स्वागत करने के लिए हमेशा खड़ी है। बस खुद को साबित करने के रास्ते पर चलते रहिए।
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