कांग्रेस ने सोमवार को छत्तीसगढ़ में पार्टी नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के छापे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “तीसरे दर्जे की राजनीति” का उदाहरण बताया और कहा कि वह इस तरह की “रणनीति” से भयभीत नहीं होगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह ‘अमृत काल’ नहीं बल्कि एक “अघोषित आपातकाल” है।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं पर छापा मारकर “प्रतिशोध और प्रतिशोध” की राजनीति कर रहे हैं।
रमेश ने आरोप लगाया कि वर्तमान शासन द्वारा जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने कहा 17 पीएमएलए के तहत ईडी को शक्तियां दिए जाने के खिलाफ विपक्षी दल पहले ही एक साथ आ चुके हैं और विपक्ष संयुक्त रूप से इस मुद्दे पर अपने पिछले फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर करेगा। खेड़ा ने कहा कि अडानी का मुद्दा वास्तव में विपक्ष को एक साथ ला रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने कोयला लेवी मनी लॉन्ड्रिंग मामले की चल रही जांच के तहत सोमवार को कांग्रेस पार्टी के नेताओं से जुड़े परिसरों सहित छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर तलाशी ली।
राज्य की राजधानी रायपुर में फरवरी 24-17 से कांग्रेस पार्टी के तीन दिवसीय पूर्ण सत्र से कुछ दिन पहले छापे मारे गए। राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली पार्टी का शासन है।
(इस रिपोर्ट की केवल हेडलाइन और तस्वीर को बिजनेस स्टैंडर्ड के कर्मचारियों द्वारा फिर से तैयार किया जा सकता है, बाकी सामग्री ऑटो है -सिंडिकेटेड फीड से उत्पन्न।)
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