दुनिया में ऐसे कई देश हैं जो नफरत की चिता में बच्चों को झुलसा रहे हैं। जिस उम्र में आम बच्चे स्कूल में कलम पकड़ना सीखते हैं, उस समय ऐसे कई विद्रोही गुट हैं जो बच्चों के हाथ में एके-47 जैसे हथियार चलाना सीखाते हैं, चाइल्ड सोल्जर्स इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के करीब 30,000 बच्चे इस समस्या का सामना कर रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक में सीएआर के संघर्ष में 10,000 से ज्यादा हथियारबंद बच्चे सक्रिय हैं। बच्चों को लड़ाके, गार्ड, इंसानी शील्ड, कुली, मैसेंजर, जासूस और कुक के रूप में भर्ती किया जाता है यहां तक की उनका यौन शोषण भी होता है।
इराक में ह्यूमन राइट्स वॉच के दस्तावेजों के मुताबिक इराक में शिया और सुन्नी मिलिशिया गुटों ने बच्चों को अपनी जमात में शामिल किया है। कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी पर भी बच्चों को लड़ाई में झोंकने के आरोप लगते रहे हैं।
जर्मनी की वेबसाइट डॉयचे वेले के मुताबिक म्यांमार की सेना पर नाबालिगों को भर्ती करने के आरोप लग चुके हैं। 2012 से अब तक वहां सेना के कब्जे से 700 बच्चों को मुक्त कराया जा चुका है। सेना के 382 अधिकारियों पर कार्रवाई भी हुई है। यह
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2016 में नाईजीरिया के आतंकवादी संगठन बोको हराम ने 2000 बच्चों को भर्ती किया। नाबालिग लड़कियों को आत्मघाती हमलावर बनाया गया। बोको हराम बड़ी संख्या में स्कूली बच्चियों को अगवा करने के लिए कुख्यात है। यूएन की 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक सोमालिया में 903 बच्चों को आतंकवादी संगठनों ने भर्ती किया। अकेले अल शबाब ने ही इनमें से 555 भर्तियां की। सोमालिया की सेना पर भी 218 बच्चों को भर्ती करने के आरोप लग चुके हैं।
माना जाता है कि 2013 से अब तक दक्षिणी सूडान में करीब 17,000 बच्चों को विद्रोही संगठन हथियार दे चुके हैं। कोबरा फैक्शन और एसपीएलए जैसे संगठन इन बच्चों को सेना के खिलाफ लड़वाते हैं।
टीओआई के मुताबिक बुरहान वानी की बरसी पर हिज्बुल ने कश्मीर के उन युवाओं की लिस्ट जारी की थी, जो आतंक का दामन थाम चुके हैं। इसके जरिए आतंकी गुट यह जताना चाहता है कि बड़ी संख्या में कश्मीरी युवा आतंक के रास्ते पर आ रहे हैं, यानी वादी में आतंकवादी संगठन बच्चों और युवाओं के ब्रेनवॉश कर रहा है।
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पुलवामा में सेना पर हमला करने वाला आतंकवादी आदिल अहमद डार काकापोरा इलाके का रहने वाला है। काकापोरा भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के पुलवामा जिले की एक तहसील है। यह श्रीनगर के दक्षिण में 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस आतंकवादी का ब्रेनवॉश पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने किया।
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