हम 21वीं सदी में हैं, ये वो समय है जब दुनिया तेजी से आगे की ओर बढ़ रही है। ऐसे में अपने लक्ष्य के प्रति बचपन से जागरुक होने की जरूरी है। अमूमन स्टूडेंट्स अपना लक्ष्य बचपन से तैयार करते हैं। वह यह तय करते हैं कि उन्हें आगे डॉक्टर बनकर लोगों की देखभाल करना है या इंजीनियर बनकर नवनिर्माण, तो कोई अपना लक्ष्य टीवी और रेडियो की चमकदमक को देखकर तय करता है।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि आप अपना लक्ष्य किस उम्र में तय करते हैं, यह सफल होने के लिए बहुत अधिक मायने रखता है। तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं में कम उम्र के आईएएस या डिप्टी कलेक्टर बनने वाले सफल व्यक्ति अपने इंटरव्यू में इस बात का जिक्र करते हैं कि उन्होंने अपना लक्ष्य स्कूल डेज में ही निर्धारित कर लिया था। उनमें से अमूमन ऐसे कई स्टूडेंट हैं, जिन्होंने अपना लक्ष्य 14 या 15 साल की उम्र में तय किया यानी वो उस समय क्लास 8 में पढ़ते थे।
लक्ष्य हासिल करने की रणनीति
बचपन में हर जानकारी को हासिल करने की इच्छा अमूमन बच्चों में होती है। ऐसे में जब वह यह लक्ष्य तय कर लेते हैं कि उन्हें आखिर किस दिशा में जाना है तो लक्ष्य हासिल करना बेहद आसान हो जाता है। यहां हम सिर्फ सिविल सर्विस एग्जाम की ही बात करें तो यदि 8वीं में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स NCERT की पाठ्य पुस्तकों का अध्ययन गंभीरता से करें तो काफी हद तक उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में ज्यादा से ज्यादा अंक हासिल करने की संभावना बन जाती है, इसका कारण है इन पुस्तकों की लेखन शैली और यहां मौजूद सामान्य जानकारी IAS,IPS, IRS,IFS और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता अर्जित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
भाषा और लिखने पर बनाएं पकड़
यदि आप कम उम्र में ज्यादा से ज्यादा भाषा सीखने की ख्वाहिश रखते हैं, तो यह सही समय है। आप ज्यादा से ज्यादा भाषा सीखने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। अंग्रेजी, हिंदी, मंदारिन (चीन की भाषा), फ्रेंच, ऊर्दू, अरबी ऐसी कई भाषाएं हैं, जिन्हें समय रहते बोलने और लिखने में विशेष योग्यता अर्जित कर लेते हैं, जिसका फायदा भविष्य में सिविल सर्विसेज एग्जाम में सफल होने के बाद भी मिलता है। आप उस देश के राजदूत भी बनाए जा सकते हैं, जिस भाषा में आप निपुण हैं, उस देश की एंबेसी में वरिष्ठ पद पर पदस्थ हो सकते हैं। वहीं, भाषा पर पकड़ होने के कारण आप प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर से अंक हासिल कर सकते हैं।
समसामायिक मुद्दों पर करें चर्चा
यदि बचपन से ही आस-पास हो रही राजनीतिक और सामाजिक घटनाओं पर नजर रखते हैं, तो बेहतर दूरदर्शी निर्णय लेने के काबिल बन सकते हैं। सिविल सर्विसेज एग्जाम ही नहीं बल्कि जिंदगी में सफल होना है, तो अपने आसपास यानि देश दुनिया में क्या नया हो रहा है, क्या घट रहा है। इन सभी बातों पर ध्यान देते रहें। ऐसा करने पर आपको दो फायदे होंगे पहला यह कि आपकी सोचने समझने की क्षमता का विकास होगा और दूसरा यह कि आपने जीवन में जो भी लक्ष्य बनाया है, उसकी ओर बढ़ने में आप कई कदम बढ़ा चुके होंगे।
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