नेपाली संविधान के अनुच्छेद 113 (4) के अनुसार, यदि विधेयक दोबारा राष्ट्रपति को भेजा जाता है, तो उन्हें उसके अनुसार देनी होती है. हालांकि, राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार, भंडारी ने संविधान के मुताबिक कार्य किया है. राष्ट्रपति के राजनीतिक मामलों के सलाहकार लालबाबू यादव ने कहा कि राष्ट्रपति संविधान के अनुरूप कार्य कर रही हैं. विधेयक से कई संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन हुआ और उसकी रक्षा करना राष्ट्रपति का दायित्व है.
नेपाल में नागरिकता पर राष्ट्रपति और सरकार में टकराव, विद्या देवी भंडारी ने CAA पर साइन करने से किया इनकार
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