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कुदरत के नजारों से भरा कजलीगढ़ का किला

अमर उजाला

Sun, 18 September 2022

Image Credit : सोशल मीडिया

कजलीगढ़ का किला इंदौर से करीब 20 किमी दूर है
 

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किले का निर्माण 200 साल पहले महाराज शिवाजीराव होलकर ने कराया था
 

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महाराज शिवाजीराव होलकर कजलीगढ़ किले को शिकारगाह के तौर पर इस्तेमाल करते थे

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किला समतल पठार पर बना है जो कि तीन तरफ से गहरी खाई से सुरक्षित है
 

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किले का निर्माण लाल बलुआ पत्थर और चूने से किया गया है। प्रवेश द्वार मराठा कालीन ईंटों से बना है 
 

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शिकारगाह के अलावा किले का उपयोग पिंडारियों को रखने के लिए भी किया जाता था
 

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किले के पास ही करीब सौ सीढ़ियां उतरकर एक शिव मंदिर है
 

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पहाड़ से रिसते हुए पानी से शिवलिंग सहित कई तरह की खूबसूरत आकृतियां निर्मित हो गई हैं
 

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मंदिर के पास ही एक झरना है, जो कि गर्मी के दिनों में झरता रहता है
 

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किले तक पहुंचे का रास्ता पक्का बना है, जहां चार पहिया और दुपहिया वाहन से आसानी से पहुंच सकते हैं
 

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