विस्तार आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी को लांच किया। इस मौके पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ये विकसित भारत के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने आगे कहा कि नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी भारत में रसद पारिस्थितिकी तंत्र की दक्षता बढ़ाने के लिए एक व्यापक प्रयास है। ऐसे में नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी सभी सेक्टर्स के लिए नई ऊर्जा लेकर आई है।
National Logistics Policy is a comprehensive effort to enhance efficiency of the logistics ecosystem in India. https://t.co/70ZlTMQILp
— Narendra Modi (@narendramodi) September 17, 2022 पीएम मोदी ने अपने संबोधन में मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पर जोर देते हुए कहा कि आज मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर होते भारत की गूंज हर तरफ है। भारत एक्सपोर्ट के बड़े लक्ष्य ना केवल तय कर रहा है, बल्कि उन्हें पूरे भी कर रहा है। इसके अलावा भारत मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है।
आज भारतीय बंदरदगाह की कुल क्षमता में काफी वृद्धि हुई है और कंटेनर वीसल का औसत टर्न-अराउंड टाइम 44 घंटे से अब 26 घंटे पर आ गया है। वॉटरवेज के जरिए हम ईको फ्रैंडली और कम लागत वाला ट्रांसपोर्टेशन कर पाएं, इसके लिए देश में अनेकों नए वॉटरवेज भी बनाए जा रहे हैं। लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी को सुधारने और व्यवस्थित बुनियादी ढांचे का विकास के लिए हमने सागरमाला, भारतमाला जैसी योजनाएं शुरू कीं हैं। इतना ही नहीं, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के काम में भी अभूतपूर्व तेजी आई है।
पीएम मोदी ने कहा कि नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी को सबसे ज्यादा सपोर्ट अगर किसी से मिलने वाला है, तो वो है पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि आज देश के सभी राज्य और केंद्र शासित इकाइयां इससे जुड़ चुके हैं और लगभग सभी विभाग एक साथ काम करना शुरु कर चुके हैं। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट कह रहे हैं कि भारत आज लोकतांत्रिक महाशक्ति के तौर पर उभर रहा है। विशेषज्ञ भारत की असाधारण प्रतिभा पारिस्थितिकी तंत्र से बहुत प्रभावित हैं। इतना ही नहीं, वे भारत के दृढ़ निश्चय और प्रगति की प्रशंसा कर रहे हैं।
क्या है राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति?
इस नीति में प्रक्रियागत इंजीनियरिंग, डिजिटलीकरण और बहु-साधन परिवहन जैसे क्षेत्रों पर फोकस करने की योजना है। भारत में अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में लॉजिस्टिक की लागत अधिक है। इसलिए इसकी आवश्यकता है। घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों में भारतीय वस्तुओं की प्रतिस्पर्धा में सुधार के लिए भारत में लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना अनिवार्य है। यह नीति लॉजिस्टिक्स के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए एक व्यापक अंतर-क्षेत्रीय और बहु-क्षेत्राधिकार ढांचे को निर्धारित करके उच्च लागत और दक्षता में कमी से जुड़े मुद्दों का हल निकालने का व्यापक प्रयास है। इस नीति के तहत लॉजिस्टक की लागत को सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 13 फीसदी से घटाकर 7.5 फीसदी तक लाने की कोशिश की जाएगी।
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