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दीवार बनी कफन: ‘मां की छाती से लिपटी थी बच्ची, हाथ में मिला टूटा खिलौना’, वीभत्स नजारा…SDRF ने बयां की कहानी

नीरज ‘अम्बुज’/सुधांशु सक्सेना, अमर उजाला, लखनऊ Published by: शाहरुख खान Updated Sat, 17 Sep 2022 12:40 PM IST

लखनऊ के कैंट इलाके के दिलकुशां में सेना के आफिसर्स कालोनी गौर इंक्लेव की दीवार तीन दिन से हो रही बारिश में भरभराकर गिर गई। दीवार के मलबे में दबकर दो परिवार के नौ लोगों की मौत हो गई। सभी वहीं निर्माणाधीन दीवार के नीचे मजदूरी करते थे। इस दौरान एक वीभत्स नजारा भी दिखाई दिया। यहां मां दीवार के नीचे दबी हुई थी। उसके पैर दिख रहे थे। एक बच्ची का हाथ भी नजर आ रहा था, जिसमें टूटा हुआ खिलौना था। जब मलबा हटाया गया तो मां की छाती से लिपटी बच्ची दिखी। दोनों की मौत हो चुकी थी। मजदूर भी मलबे के नीचे बुरी तरह दबे हुए थे। किसी का सिर ईंटों के नीचे था तो किसी के पेट पर दीवार का मलबा पड़ा था। ये वीभत्स नजारा एसडीआरएफ की टीम को दिलकुशा में दीवार गिरने से हुए हादसे में रेस्क्यू के दौरान दिखा। 

दिलकुशा में सैन्य अफसरों का गौर एन्क्लेव है, जहां 150 से अधिक अफसर रहते हैं। भारी बारिश के चलते बृहस्पतिवार देर रात दीवार से सटे मजदूरों के आशियाने पर एन्क्लेव की दीवार भरभराकर गिर गई।

हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई। एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर एक मजदूर को बाहर निकालकर सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका ऑपरेशन करीब तीन घंटे तक चला।

एसडीआरएफ के कमांडेंट सतीश कुमार ने बताया कि हादसा रात करीब ढाई बजे का है। सुबह साढ़े चार बजे एसडीआरएफ को सूचना मिली। बारिश की वजह से कीचड़ था तथा जंगल होने से रेस्क्यू आसान नहीं था।

पांच बजे टीम पहुंची और रेस्क्यू शुरू हुआ। दीवार का मलबा हटाने व शवों को स्ट्रेचर पर रखकर निकाला गया और एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। रेस्क्यू पूरा करने में करीब तीन घंटे लग गए। इसमें 30 एसडीआरएफ कर्मी शामिल रहे।

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