विस्तार मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र तीन दिन ही चला। पांच दिन बैठकें होनी थी और सिर्फ तीन दिन की बैठकों के बाद ही कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे के साथ तीसरे दिन कार्यवाही शुरू हुई और हंगामे के साथ ही सत्र का अवसान भी हो गया। तीसरे दिन का हाइलाइट था- कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेढ़ा का अपना कुर्ता फाड़कर रोना। पांचीलाल और भाजपा के विधायक उमाकांत शर्मा ने एक-दूसरे से जान का खतरा बताया। सुरक्षा भी मांगी। मेढ़ा ने विधानसभा में अपना कुर्ता भी फाड़ दिया। मेढ़ा ने कहा कि वह पोषण आहार, कारम बांध का मुद्दा सदन में उठा रहे हैं। इस वजह से उन्हें जान का खतरा है। उन्हें सुरक्षा दी जाए या फिर पीएसओ को भी छिन लिया जाए। यदि मेरी विधानसभा में सुनवाई नहीं हुई तो राज्यपाल के पास जाऊंगा। मेढ़ा मीडिया से बात करते हुए रोने भी लगे। उमाकांत शर्मा ने भी विधानसभा अध्यक्ष से अपनी सुरक्षा की मांग की।
विधायकों ने गेट पर दिया धरना
आदिवासियों पर अत्याचार के विरोध में गेट के सामने कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के गेट पर धरना दिया। विधायक जीतू पटवारी, कुणाल चौधरी, पांचीलाल मेढ़ा समेत अन्य विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। गेट नंबर तीन पर प्रदर्शन के बाद विधायक सदन में चले गए।
पोषण आहार के मुद्दे पर चर्चा कराने को लेकर हंगामा
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने पोषण आहार का मुद्दा उठाया और चर्चा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सदन में चर्चा के लिए अध्यक्ष ने आश्वासन दिया था। इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विरोध जताया। कांग्रेसी विधायकों ने आदिवासियों के साथ अत्याचार के मुद्दे पर नारेबाजी शुरू कर दी। मिश्रा ने कहा कि मामल का पटाक्षेप हो गया। कांग्रेसी चर्चा कराने पर अड़े रहे। अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्नकाल हो जाने दीजिए। लेकिन हंगामा होने के चलते कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी।
हंगामे के बीच पास हुआ अनुपूरक बजट
विधानसभा की कार्रवाई फिर शुरू होने पर विधायकों ने जमकर हंगामा किया। इस बीच अनुपूरक बजट पेश किया गया। सरकार के सात मंत्रियों ने अपने विभागीय पत्र को पटल पर रखाा। विपक्षी विधायक आसंदी के पास जाकर हंगामा करने लगे। हंगामे के बीच नौ हजार 539 करोड़ 3 लाख 70 हजार 300 रुपये का अनुपूरक बजट पास हुआ। इसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
Be First to Comment