झाओ कांगमिन ने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘देखने का तलब खोज करना नहीं है।’ वह पुरातात्विक थे, जिन्होंने चीनी किसानों द्वारा खोजे गए मिट्टी के बर्तनों के टुकड़ों को एक साथ मिलाकर जीवंत आकार दिया और यह आकार था टेरा-कोटा के जरिए चीनी योद्धाओं का पुनर्निर्माण जो चीन के सबसे प्रसिद्ध प्राचीन चमत्कारों में से एक माना जाता है।
लेकिन, इस चमत्कार को जीवंत बनाने वाले झाओ कांगमिन अब हमारे बीच नहीं हैं। 82 साल के झाओ की 16 मई, 2018 को उनकी मृत्यु हो गई। वह लंबे समय से फेफड़ों के संक्रमण से पीड़ित थे। उनकी पोती, ने पीपुल्स डेली चाइना न्यूज पेपर के जरिए मंगलवार को उनकी मौत की पुष्टि की।
झाओ कांगमिन का जन्म जुलाई 1936 में हुआ था, उनकी पोती ने ‘सीना वेबो’ (चीनी माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट) पर एक संदेश कहा, ‘उनके परिवार में अब पत्नी और दो बेटे हैं।’ उन्होंने 40 से अधिक साल तक पुरातत्वविद् के रूप में काम किया था।
झाओ और उनके सहयोगी 1974 में उस जगह पहुंचे जहां चीनी इतिहास दफ्न था। उन्होंने लिखा है कि, ‘कुछ ग्रामीण पहले से ही चीनी योद्दाओं की टेरा कोटा अवशेष को बच्चों के खिलौनों की तरह रखे हुए थे, जिनके टुकड़े उनके घरों में चारों ओर बिखरे हुए थे।
‘टेराकोटा सेना या टेराकोटा योद्धा और अश्व टेराकोटा की मूर्तियां हैं जो चीन के प्रथम सम्राट किन शी हुआंग की सेना का दर्शाती हैं। ये मूर्तियां 210-209 ईसा पूर्व सम्राट के शव के साथ दफ्न की गईं थीं। ये मूर्तियां, सन् 1974 में जल आपूर्ति सम्बन्धी निर्माण कार्य करते समय स्थानीय किसानों को प्राप्त हुइं थीं। इसमें 8 हजार से अधिक मूर्तियां सैनिक तथा अश्व वास्तिक आकार में हैं। 1987 से यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत सूची में सम्मिलित की गई हैं।’
चीन में इन हजारों योद्धाओं को 2,000 साल पहले बनाया गया था और चीन के पहले सम्राट, किन शि हुआंग के विशाल भूमिगत मकबरे परिसर में घोड़ों, हथियारों, रथों और अन्य वस्तुओं के मॉडल के साथ दफनाया गया था।
क्विन शि हुआंग ने अल्पकालिक क्विन राजवंश के तहत देश को एकजुट किया था, तब इस देश को ‘चीन’ नाम मिला। टेरा-कोट्टा योद्धाओं के कई हजार साल बाद अब विशाल गड्ढे चीन में मौजूद हैं। जो कि क़िन राजवंश की प्राचीन राजधानी, जियानयांग की साइट पर 22 मील पूर्व में स्थित है।
झाओ कांगमिन मिट्टी के बर्तनों के टुकड़े देखने वाले पहले व्यक्ति नहीं थे। लेकिन, फिर भी टेराकोटा आर्मी खोजने के योगदान के कारण ही झो कंगमिन, पहले खोजकर्ता, पुनर्स्थापक के तौर पर उनका नाम हमेशा लिया जाएगा।
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