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MP News: कांग्रेस विधायकों की राज्यपाल से मांग, पोषण आहार घोटाले की हाईकोर्ट की निगरानी में हो जांच

विस्तार मध्य प्रदेश में पोषण आहार घोटाले पर सियासत तेज होती जा रही है। कांग्रेस इस मामले में लगातार हमलावर है। अब राज्यपाल मंगू भाई पटेल को ज्ञापन सौंपा गया है। इसमें पोषण आहार घोटाले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में कराने की मांग की है। 

मध्य प्रदेश एजी की महिला एवं बाल विकास विभाग की पोषण आहार की अनियमिताओं की रिपोर्ट पर कांग्रेस सरकार पर हमलावर है। विधानसभा में पोषण आहार के मुद्दे पर चर्चा नहीं होने के बाद अब कांग्रेस विधायकों ने हाईकोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग राज्यपाल मंगू भाई पटेल को ज्ञापन देकर की है। इसमें बीजेपी सरकार पर 15 साल से पोषण आहार में घोटाला करने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि पोषण आहार पर हुए कुल खर्च का 50 प्रतिशत केंद्र सरकार से पोषण अभियान के तहत प्राप्त होता है। लेकिन आश्चर्यजनक सत्य है कि जब-जब केन्द्र सरकार ने पोषण अभियान के मूल्यांकन के लिए शासन को सर्वे इत्यादि करने के निर्देश दिए, तो राज्य शासन ने केंद्र सरकार के किसी भी निर्देश का पालन नही किया। जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि राज्य शासन की संरक्षण में घोटाला हो रहा है तथा उसको उजागर होने से रोकने के लिए केन्द्र शासन के निर्देशानुसार सर्वे इत्यादि नहीं किया जा रहा है। कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में बिंदुवार मांगें रखी।
 
महिला एवं बाल विकास ने शाला त्यागी 11 से 14 वर्ष की बालिकाओं का बेस लाइन सर्वे करने हेतु फार्मेट तथा इंस्ट्रक्शन भेजे, लेकिन महिला बाल विकास विभाग द्वारा 31 दिसंबर 2017 तक ही सर्वे करना था। वह वर्ष 2022 में किया गया, जिससे सर्वे का महत्व ही समाप्त हो गया, ताकि महाघोटाले को उजागर होने से रोका जा सकें।
 
महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्रालय नई दिल्ली ने पत्र भेजकर विभाग द्वारा डिस्बरसमेंट लिंक्ड इंडिकेटर्स नहीं भेजने पर आपत्ति की। मंत्रालय ने लिखा म.प्र. कुपोषण की उच्च श्रेणी में है तथा विश्व बैंक से ऋण प्राप्त करने हेतु राज्य शासन द्वारा डिस्बरसमेंट लिक्ड इंडिकेटर्स नहीं भेजने से राज्य का 21.03 करोड़ का हिस्सा निरस्त हो जाएगा । इसके बावजूद नहीं भेजा गया, क्योंकि इसके तहत 60 प्रतिशत गर्भवती तथा धात्री महिला तथा 3 वर्ष तक के बच्चों के निवास पर जाकर उनकी जानकारी मोबाइल के माध्यम से भेजना थी, क्योकि वास्तव में 80 प्रतिशत से अधिक आंकड़े बोगस हैं, ऐसे में 60 प्रतिशत का भौतिक सत्यापन केसे किया जा सकता है?

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