अगर आप जॉब ऑफर के लिए सिर्फ अपनी डिग्री और अनुभव पर निर्भर हैं तो आपको एक बार फिर से सोचना चाहिए। कंपनियां अब अंतर्राष्ट्रीय बिजनेस के चलते इंटरपर्सनल कम्युनिकेशन पर जोर दे रही हैं। ऐसे में कम्युनिकेशन स्किल की कमी आपको जॉब की दौड़ से बाहर कर सकती है।
क्या होता है इंटरपर्सनल कम्युनिकेशन: व्यक्तिगत संवाद को ही इंटरपर्सनल कम्युनिकेशन कहते हैं। यह सफल दोस्ती, रिश्ते और टीम वर्क में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक टीम लीडर और एम्पलाई को बेहद आवश्यकता होती है, यही कारण है कि कोई भी बेहतर टीम लीडर मौखिक समस्याओं को सुनता हैं और बातचीत के जरिए समस्या हल करने, निर्णय लेने यानी कहें तो वह सभी कौशल में माहिर होते हैं।
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क्या कहती हैं रिपोर्ट्स: सोशल वेबसाइट लिंक्डन ने भी अपनी ताजा रिसर्च में पाया है कि इंटरपर्सनल स्किल्स की कमी उम्मीदवारों में विशेष रूप से बढ़ रही है। जहां कम्युनिकेशन एक स्किल गैप के रूप में सामने आया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लिंक्डन सीईओ जेफ वीनर कहते हैं, ‘यह स्किल खास तौर पर महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से सेल्स डेवलपमेंट और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में।’ जेफ की सलाह है कि अगर आप नौकरी बदलते हैं तो भी इन स्किल्स की मजबूती आपको हमेशा काम आएगी।
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रिसर्च में पाया गया है कि मैनेजर्स किसी भी उम्मीदवार को परखने में उसके कम्युनिकेशन और एनालिटिकल स्किल्स पर विशेष रूप से ध्यान देते हैं। जॉब प्लेटफार्म मॉन्स्टर ने भी अपनी रिसर्च में पाया कि कम्युनिकेशन सबसे ज्यादा डिमांड वाली सॉफ्ट स्किल्स में से एक है।
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