विस्तार मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर में ज्योतिष और द्वारका पीठ के प्रमुख शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की समाधि के बाद उनके उत्तराधिकारियों का पट्टाभिषेक जल्द ही किया जाएगा। इसकी तारीख 23 सितंबर को तय होगी। ज्योतिष पीठ के प्रमुख के तौर पर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और द्वारका पीठ के प्रमुख के तौर पर स्वामी सदानंद सरस्वती का चुनाव किया गया है।
ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के निज सचिव रहे ब्रह्मचारी सुबुद्धानंद सरस्वती के अधिकार यथावत रहेंगे। वे दोनों नए शंकराचार्यों के निज सचिव होंगे। सुबुद्धानंद सरस्वती ने ही मंगलवार को परमहंसी गंगा आश्रम में पत्रकार वार्ता की। उन्होंने बताया कि शंकराचार्य के देवलोकगमन पर 21 सितंबर को यति पार्वण, 22 सितंबर को नारायण बलि और आराधना होगी। 23 सितंबर को दोनों पीठों में भंडारा और श्रद्धाजंलि सभा आयोजित की जाएगी। इसी सभा में नए शंकराचार्यों के पट्टाभिषेक की तिथि घोषित की जाएगी।
पट्टाभिषेक पर स्वामी सदानंद का द्वारका में व स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का ज्योतिर्मठ में अभिषेक होगा। इस दौरान दोनों नए शंकराचार्यों ने कहा कि ब्रह्मचारी सुबुद्धानंदजी से हमको बहुत कुछ सीखने-समझने को मिला है। वह अब हमारे निजी सचिव होंगे। महाराजश्री के समय के संपूर्ण अधिकार उनके पास रहेंगे।
महारानी के लिए तिरंगा झुकाने पर उठे सवाल
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हमारे देश में संन्यासियों के लिए कोई शोक नहीं मनाया जाता। लोगों का आक्रोश इस बात पर है कि ब्रिटेन की महारानी और ब्रिटेन सरकार ने आजादी की लड़ाई में सवा सात लाख से अधिक लोगों को मौत के घाट उतारा। ब्रिटेन की महारानी के निधन पर आधा झंडा झुका रहा। यह पूरे देश को ठीक नहीं लगा। इसका स्पष्टीकरण सरकार के जिम्मेदार लोगों को देना चाहिए।
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