बेंजामिन नेतन्याहू – फोटो : एएनआई
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इस्राइल रक्षा बल (आईडीएफ) बुधवार को पुष्टि की कि दक्षिण लेबनान में हिजबुल्ला के साथ संघर्ष में उसके आठ जवान मारे गए हैं। आईडीएफ ने युद्ध में जान गंवाने वाले इन सैनिकों के नाम साझा किए हैं।
आईडीएफ ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “कैप्टन ईतान इतझाक ओस्टर, कैप्टन हारेल एटिंगर, कैप्टन इताई एरियल गिआत, सार्जेंट नोआम बारलिजाय, सार्जेंट (प्रथम श्रेणी) ओर मांत्जुर, सार्जेंट (प्रथम श्रेणी) नाजार इतकिन, स्टाफ सार्जेंट अल्मकेन टेरेफे और स्टाफ सार्जेंट इदो ब्रोयर ने हिजबुल्ला आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी।”
इस्राइली पीएम ने दी सैनिकों को श्रद्धांजलि
वहीं, इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोशल मीडिया पर एक संदेश में कहा, मैं अपने दिन की गहराइयों से उन परिवारों को संवेदनाएं भेजता हूं, जिन्होंने आज लेबनान में अपने वीरों को खोया। ईश्वर उनके बलिदान को आशीर्वाद दे। उनकी यादें सदा जिंदा रहें। हम ईरान के खिलाफ एक कठिन युद्ध में हैं, जो हमें नष्ट करने की कोशिश कर रहा है। हम एक साथ खड़े रहेंगे और ईश्वर की मदद से हम एक होकर विजयी होंगे। हम दक्षिण से अपहरण किए गए अपने लोगों को वापस लाएंगे।ष हम अपने निवासियों को उत्तर में वापस ले जाएंगे और हम इस्राइल की स्थिरता की गारंटी देंगे।
जमीनी अभियानों से हिजबुल्ला पर बढ़ रहा दबाव: आईडीएफ
इस्राइली सेना ने कहा कि उसकी नियमित पैदल सेना और बख्तरबंद इकाइयों के लेबनान में उसके जमीनी अभियानों में शामिल होने से हिजबुल्ला पर दबाव बढ़ रहा है। इस्राइल द्वारा ईरानी हमले के एक दिन बाद हिजबुल्ला के साथ युद्ध में दक्षिण लेबनान में अपनी मौजूदगी बढ़ाने से संघर्ष बढ़ गया है। उधर, सेना द्वारा दक्षिणी गाजा के खान यूनिस में जमीनी अभियान में महिलाओं-बच्चों समेत 51 लोगों की मौत हो गई और 82 घायल हुए हैं।
आशंका जताई गई है कि पश्चिम एशिया व्यापक संघर्ष में फंस सकता है। हालांकि मंगलवार को इस्राइल पर ईरान के अब तक के सबसे बड़े हमले के बाद उसने व्यापक संघर्ष भड़कन की आशंका के चलते आगे और हमले रोक दिए लेकिन इस्राइल और अमेरिका ने जवाबी हमलों का संकल्प लिया है। इस बीच, इस्राइल-लेबनान सीमा पर बुधवार को भी हिंसा जारी रही। इस्राइल द्वारा बख्तरबंद सैनिकों, गोलानी ब्रिगेड व 6वीं इन्फैंट्री ब्रिगेड को शामिल करना बताता है कि अभियान सीमित कमांडो छापों से आगे बढ़ सकता है। सेना ने कहा कि घुसपैठ का उसका मकसद सीमा पर सुरंगों व अन्य बुनियादी ढांचे को नष्ट करना है। उसने दक्षिणी सीमा पर स्थित दो दर्जन शहरों के लिए नए निकासी भी आदेश जारी किए हैं। इस्राइल का ध्यान लेबनान और ईरान पर केंद्रित होने के बावजूद उसने गाजा में चलाया जा रहा अभियान जारी रखा है।
मृतकों में 12 बच्चे
खान यूनिस में मारे गए 51 लोगों में सात महिलाएं और 12 बच्चे शामिल हैं। अस्पताल सूत्रों ने बताया कि मृतक बच्चों की उम्र 22 महीने तक थी। निवासियों ने कहा कि इस्राइली जमीनी सेना ने खान यूनिस के तीन क्षेत्रों में घुसपैठ करने के अलावा भारी हवाई हमले भी जारी रखे हैं। ऐसा माना जाता है कि कई लोग मलबे के नीचे दबे हुए हैं, और कोई भी उन्हें निकाल तक नहीं सकता है। इस्राइली सेना गाजा के उन क्षेत्रों में लौट आई है, जहां हमास के आतंकी फिर से संगठित हो गए हैं।
ईरान के मिसाइल हमलों की निंदा
मंगलवार को ईरान द्वारा इस्राइल पर 200 से ज्यादा मिसाइलों के हमलों की दुनियाभर ने निंदा की है। चीन ने पश्चिम एशिया के तनाव पर चिंता जताते हुए शक्तियों से रचनात्मक होने का आग्रह किया। चीनी विदेश मंत्री ने सभी पक्षों को स्थायी युद्धविराम के लिए प्रेरित किया। उधर जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने ईरान और हिजबुल्ला से इस्राइल पर हमले तुरंत बंद करने का आह्वान किया। जापान ने भी घटना पर गंभीर चिंता जताई है। ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर ने ईरानी मिसाइल हमलों की कड़ी निंदा करते हुए हमले तुरंत रोकने को कहा। ब्रुसेल्स यात्रा के दौरान यूरोपीय संघ के नेताओं के साथ स्टार्मर की बातचीत में यह मुद्दा एजेंडे में प्रमुख होगा।
24 गांव खाली करने की चेतावनी
इस्राइली सेना ने समूचे दक्षिणी लेबनान में 24 गांवों के निवासियों को गांव खाली करने की चेतावनी दी है। यह चेतावनी ऐसे समय में सामने आई है जब कुछ दिन पहले ही सेना ने हिजबुल्ला से निपटने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के निकट अभियान शुरू किया। इसे वह सीमित जमीनी अभियान बताती है। ये गांव संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित ‘बफर जोन’ में आते हैं, जिसे 2006 में इस्राइल और हिजबुल्ला के बीच हुए पिछले युद्ध के बाद स्थापित किया गया था।
कोपनहेगन में इस्राइली दूतावास के पास धमाका
डेनमार्क की राजधानी कोपनहेगन में इस्राइली दूतावास के पास बुधवार तड़के दो धमाके हुए। इसके बाद पास स्थित यहूदी स्कूल बंद कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि धमाके में कोई हताहत नहीं हुआ है और वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या विस्फोटों और इस्राइली राजनयिक मिशन के बीच कोई संबंध है। उन्होंने यह बताने से इनकार किया कि इस संबंध में किसी को गिरफ्तार किया गया है कि नहीं।
नेतन्याहू का जवाबी कार्रवाई का संकल्प, अमेरिका का समर्थन
इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने उनके देश पर मिसाइल हमले के लिए ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई का आह्वान किया। उन्होंने सुरक्षा कैबिनेट की बैठक में कहा, ईरान ने आज रात बड़ी गलती की है और उसे इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा, मिसाइल हमला एक नाकामी थी और ईरान को जल्द ही एक दर्दनाक सबक मिलेगा। उन्होंने कहा, जो भी हम पर हमला करता है, हम उन पर हमला करते हैं। अमेरिका ने इस्राइल का साथ दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, हम इस्राइल का ‘पूरी तरह से समर्थन’ करते हैं। जो बाइडन ने ईरान के मिसाइल हमले को नाकाम करने के लिए अमेरिकी व इस्राइली सेनाओं की भी प्रशंसा की।
संवाद-कूटनीति से हल किए जाएं मुद्दे: भारत
ईरान और इस्राइल के बीच संघर्ष से पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच विदेश मंत्रालय ने कहा, हम पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने को लेकर बहुत चिंतित हैं और सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने तथा नागरिकों की रक्षा करने के अपने आह्वान को दोहराते हैं। मंत्रालय ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि संघर्ष पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में न ले और हम आग्रह करते हैं कि सभी मुद्दों को संवाद तथा कूटनीति के जरिये हल किया जाए।
वहीं, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तुगलक रोड इलाके में स्थित इस्राइली दूतावास के आसपास अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। साथ ही वाहनों की जांच बढ़ा दी गई है। उन्होंने बताया कि दूतावास के आसपास कई सीसीटीवी कैमरे लगाकर बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था पहले ही कर दी गई है क्योंकि दूतावास में पहले भी दो बार विस्फोट हो चुके हैं। हालांकि किसी भी घटना में कोई घायल नहीं हुआ।
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