यूपी कैबिनेट बैठक। – फोटो : amar ujala
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प्रदेश में विश्व बैंक की मदद से उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड रूरल इंटरप्राइज इकोसिस्टम स्ट्रेंथिंग (यूपीएग्रीज) परियोजना शुरू होगी। इसके जरिए कृषि क्षेत्र में कई नवाचार होंगे। छह साल में करीब चार हजार करोड़ रुपया खर्च किया जाएगा। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खुलेंगे और 500 किसानों को तकनीक देखने के लिए विदेश भ्रमण कराया जाएगा। इस परियोजना में केंद्र सरकार व्यय भार में भागीदार नहीं है। मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।
यूपी एग्रीज परियोजना में 2737 करोड़ रुपया 1.23 फीसदी की दर पर विश्व बैंक लोन देगा। इसे 35 वर्ष में लौटाया जाएगा। प्रदेश सरकार अंशपूजी के रूप में 1166 करोड़ रुपया खर्च करेगी। उत्तर प्रदेश प्रोजक्ट कोआर्डिनेशन यूनिट (यूपीडास्प) के माध्यम से प्रस्तावित परियोजना का क्रियान्वन 2024 से वर्ष 2030 तक होगा। इससे कृषकों की आय में वृद्धि करते हुए राज्य की अर्थव्यवस्था में विकास करने का लक्ष्य है। इसके जरिए सभी किसानो, कृषक उत्पादक समूह / कृषि उत्पादक संगठन, पट्टाधारक मत्स्य पालक/मत्स्यजीवी सहकारी समितियां/ निजी तालाब के मत्स्य पालक व अन्य, उद्यमी/कृषि/मत्स्य उद्यमी/ महिला उद्यमी समूह, कुशल एवं अकुशल कृषि श्रमिक, कृषि क्षेत्र से जुड़े इन्टरप्रेन्योर एवं निर्यातक को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
कृषि सेज और एक्सपोर्ट हब की होगी स्थापना
परियोजना में कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों की कमियों को चिन्हित कर प्रमुख फसलों की उत्पादकता में गुणात्मक वृद्धि की जाएगी। विशिष्ट कृषि उत्पादों के पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन/मूल्य संवर्धन गतिविधियों एवं बाजार सहयोगी व्यवस्था का विकास किया जाएगा। भण्डारण खाद्य प्रसंस्करण और इससे जुड़ी सुविधाएं बढाई जाएगी। इस परियोजना के तहत कृषि उत्पादों के क्राप क्लस्टर्स को सेंटर ऑफ़ एक्स्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा। डिजिटल एग्रीकल्चर इकोसिस्टम एवं सर्विस डिलीवरी प्लेटफार्म की स्थापना की जाएगी। जेवर एयरपोर्ट के पास एक्सपोर्ट हब की स्थापना होगी। 2 से 3 उपज का बडे पैमाने पर निर्यात किया जाएगा। कृषि एसईजेड की स्थापना होगी। विश्व स्तरीय कार्बन क्रेडिट मार्केट की स्थापना की जाएगी। पांच सौ किसानों को सर्वोत्तम कृषि तकनीकी को देखने के लिए विदेशों में भ्रमण के लिए भेजा जाएगा। 2 से 3 विश्व स्तरीय हैचरी की स्थापना की जाएगी।
कैसे संचालित होगी परियोजना
परियोजना के संचालन के लिए तीन कमेटियां बनाई जाएगी। राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट स्टीयरिंग कमेटी, कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट एक्जीक्यूटिव कमेटी और जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में डिस्ट्रिक्ट एक्जीक्यूटिव कमेटी बनेगी।
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