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Love, Sitara Review: तीन पीढ़ियों की बेटियों की चौराहे पर फूटी कहानियां, ‘हम साथ साथ हैं’ की रिवर्स साइकोलॉजी

‘लव सितारा’ रिव्यू – फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई

कलाकार

शोभिता धुलिपाला , राजीव सिद्धार्थ , बी जयश्री , सोनाली कुलकर्णी , सुधन्वा देशपांडे , वर्जीनिया रॉड्रिग्स , संजय भूटियानी , तमारा डिसूजा , रिजुल रे और इखलाक खान

लेखक

वंदना कटारिया , सोनिया बहल , हुसैन दलाल और अब्बास दलाल

सिनेमा दर्शकों की आकांक्षाओं, अपेक्षाओं और उम्मीदों की उड़ान से अपने रंग पाता है। कहानी किसी एक परिवार की हो तो दर्शक राजश्री की फिल्मों जैसे परिवार चाहता है। ‘हम आपके हैं कौन’ और ‘हम साथ साथ हैं’ जैसी फिल्मों का कल्पनालोक अगर उसे हकीकत के करीब वाला चाहिए होता है तो वह फिर सीधे दूसरे ध्रुव जाकर ‘एनिमल’ को भी पसंद कर सकता है। इन दोनों के बीच की फिल्म है ‘लव, सितारा’। यहां परिवार तो है लेकिन परिवार जैसा नहीं है। फिल्म कहती भी है कि हर हैपी फैमिली एक जैसी होती है, लेकिन हर अनहैपी एक दूसरे से बिल्कुल अलग होती है। तो ये कहानी है एक अनहैपी फैमिली की। 

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