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Hindenburg Research: अदाणी के खिलाफ आरोपों की हुई विधिवत जांच- SEBI

Hindenburg Research: अमेरिका की शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट आने के बाद पूंजी बाजार नियामक सेबी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है. SEBI ने कहा कि उसने अदाणी समूह के खिलाफ सभी आरोपों की पूरी जांच की है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने बयान में यह भी कहा कि कहा कि उसकी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने समय-समय पर संबंधित जानकारी दी है और संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग रखा. नियामक ने कहा कि उसने अदाणी के खिलाफ हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए आरोपों की पूरी जांच की है. सेबी ने बताया कि उसने 26 पहलुओं में से सिर्फ एक पहलू की जांच बची है और वह भी जल्द ही पूरी होने वाली है.

बुच ने समय-समय पर किए हैं खुलासे-सेबी
इससे पहले माधवी बुच और उनके पति धवल ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को निराधार बताया. दंपति ने रविवार को कहा कि हिंडनबर्ग पूंजी बाजार नियामक की विश्वसनीयता पर हमला कर रही है और चेयरपर्सन के चरित्र हनन का भी प्रयास कर रही है. डनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि उसे संदेह है कि अदाणी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में सेबी की अनिच्छा का कारण यह हो सकता है कि बुच की अदाणी समूह से जुड़े विदेशी फंडों में हिस्सेदारी थी. अमेरिकी कंपनी ने आरोप लगाया कि बुच और उनके पति धवल ने एक फंड में निवेश किया था जिसका कथित तौर पर गौतम अदाणी के बड़े भाई विनोद अदाणी द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा था.

अदाणी के खिलाफ 26 में से 24 जांच पूरी- सेबी
वहीं सेबी ने अपने बयान में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अदाणी समूह के खिलाफ 26 में से 24 जांच पूरी हो चुकी हैं. उसने कहा कि मार्च में एक और जांच पूरी हो गई है तथा अंतिम जांच अब पूरी होने वाली है. नियामक ने कहा कि उसने अपनी जांच के तहत जानकारी मांगने के लिए 100 से अधिक समन, करीब 1,100 पत्र और ईमेल जारी किए हैं. करीब 12,000 पन्नों वाले 300 से अधिक दस्तावेजों की जांच की गई है. वहीं सेबी प्रमुख और उनके पति ने एक संयुक्त बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है.

कारण बताओ नोटिस का हिंडनबर्ग रिसर्च ने नहीं दिया- सेबी
बुच ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ सेबी ने प्रवर्तन कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है, उसी के जवाब में हमें ही घेरने और चरित्र हनन करने का प्रयास किया गया है. बुच दंपति ने रविवार शाम को जारी एक विस्तृत बयान में कहा कि आईआईएफएल वेल्थ मैनेजमेंट के एक फंड में उनका निवेश सिंगापुर स्थित निजी नागरिक के रूप में किया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि माधवी के सेबी में पूर्णकालिक सदस्य के रूप में शामिल होने से दो साल पहले यह निवेश किया गया था. इसके साथ ही दंपति ने कहा कि 2019 से ब्लैकस्टोन में वरिष्ठ सलाहकार धवल निजी इक्विटी फर्म के रियल एस्टेट पक्ष से नहीं जुड़े हैं. बयान के मुताबिक, वर्ष 2017 में सेबी में पूर्णकालिक सदस्य के रूप में माधवी की नियुक्ति के तुरंत बाद उनकी दो परामर्श कंपनियां निष्क्रिय हो गईं थीं.

हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोप सार्वजनिक सूचनाओं से छेड़छाड़ वाला- अदाणी समूह
अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च के नवीनतम आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और चुनिंदा सार्वजनिक सूचनाओं से छेड़छाड़ करने वाला बताते हुए रविवार को कहा कि उसका बाजार नियामक सेबी की चेयरपर्सन या उनके पति के साथ कोई वाणिज्यिक संबंध नहीं है. अदाणी समूह ने शेयर बाजार को दी एक सूचना में कहा, “हिंडनबर्ग के नए आरोप सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचनाओं का दुर्भावनापूर्ण, शरारती और छेड़छाड़ करने वाला चयन है. ऐसा तथ्यों और कानून की अवहेलना करते हुए निजी मुनाफाखोरी के लिए पूर्व-निर्धारित निष्कर्षों पर पहुंचने के इरादे से किया गया है. समूह ने कहा कि हम अदाणी समूह के खिलाफ इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं. ये उन अस्वीकार किए जा चुके दावों का दोहराव हैं जिनकी गहन जांच की गई है, जो निराधार साबित हुए हैं और जनवरी, 2024 में उच्चतम न्यायालय द्वारा पहले ही खारिज कर दिए गए हैं.

क्या है हिंडनबर्ग के आरोप
हिंडनबर्ग ने शनिवार देर रात जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख बुच और उनके पति धवल बुच के पास उस विदेशी कोष में हिस्सेदारी है, जिसका इस्तेमाल अदाणी समूह में धन की कथित हेराफेरी के लिए किया गया था. हिंडनबर्ग के मुताबिक, बुच और उनके पति ने बरमूडा और मॉरीशस में अस्पष्ट विदेशी कोषों में अघोषित निवेश किया था. उसने कहा कि ये वही कोष हैं जिनका कथित तौर पर विनोद अदाणी ने पैसों की हेराफेरी करने और समूक की कंपनियों के शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया गया था. विनोद अदाणी, अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी के बड़े भाई हैं.

हिंडनबर्ग ने अदाणी समूह पर वित्तीय लेनदेन में गड़बड़ी का लगाया था आरोप
बता दें, हिंडनबर्ग ने जनवरी 2023 में जारी अपनी एक रिपोर्ट में अदाणी समूह पर वित्तीय लेनदेन में गड़बड़ी और शेयरों की कीमतें चढ़ाने के लिए विदेश कोष के दुरुपयोग का आरोप लगाया था. इसके बाद आदाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आयी थी. हालांकि अदाणी समूह ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया था. समूह ने कहा था कि वह नियामकीय प्रावधानों का पालन करता है. भाषा इनपुट से साभार

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