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ED : छापेमारी करने के बाद नकदी, प्रॉपर्टी के साथ क्या करती है ईडी ?

अक्सर ED की खबरें TV और अखबारों मे आती रहती हैं. यह विभाग भ्रष्टाचारी, व्यवसायी, राजनेता और नौकरशाहों पर नकेल कसते रहती है और अवैध तरीकों से प्राप्त की गई किसी भी नकदी या संपत्ति को जब्त करती है. पर क्या आपने सोचा है कि उन संपत्तियों और नकदी का होता क्या है ?

| August 5, 2024 11:18 PM

ED : जब भी एनफोर्समेंट डिपार्टमेंट छापा मारता है, तो वह कर चोरी से प्राप्त धन के साथ-साथ अन्य संपत्ति भी जब्त करता है. विभाग लगातार सत्ता में बैठे भ्रष्टाचारी, व्यवसायी, राजनेता और नौकरशाहों पर नकेल कसते रहती है. ED अवैध तरीकों से प्राप्त की गई किसी भी नकदी या संपत्ति को जब्त करता है. इससे यह सवाल उठता है कि ED जब्त की गई संपत्तियों को कैसे संभालता है. आइए हम समझाते हैं.

कैसे काम करती है ED ? ED एनफोर्समेंट डिपार्टमेंट नकदी, सामग्री या संपत्ति जब्त करता है और मूल्यांकन के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करता है. भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारी जब्त की गई राशि की पुष्टि करते हैं, जिसे फिर ईडी के आधिकारिक बैंक खाते में जमा कर दिया जाता है. चिह्नित धन या सामान को सील कर दिया जाता है और अदालत के लिए सबूत के तौर पर रखा जाता है. जब्त की गई राशि का इस्तेमाल तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि अंतिम कुर्की आदेश जारी न हो जाए. मामला कुर्की की पुष्टि के लिए अदालत में ले जाया जाता है और मामला सुलझने तक पैसा बैंक में ही रहता है. अगर आरोपी दोषी पाया जाता है, तो नकदी केंद्र को जाती है और अगर बरी हो जाता है, तो पैसा वापस कर दिया जाता है.

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ED जब्त हुई प्रोपेटी के साथ क्या करती है ? पीएमएलए के अनुसार ED एनफोर्समेंट डिपार्टमेंट किसी संपत्ति को 180 दिनों तक अपने पास रख सकता है. अगर अभियुक्त दोषी पाया जाता है, तो संपत्ति सरकारी हो जाती है. नही तो यह मालिक के पास वापस चली जाती है. अदालती कार्यवाही में, अभियुक्त संपत्ति तक पहुँच बनाए रख सकता है, लेकिन स्वामित्व पर अंतिम निर्णय अदालत के पास होता है. यदि जब्ती का आदेश दिया जाता है, तो संपत्ति सरकार को चली जाती है. अगर ईडी आरोप सिद्ध नहीं कर पाते हैं, तो संपत्ति मालिक को वापस कर दी जाती है. कुछ मामलों में, अदालत संपत्ति वापस करने से पहले मालिक को जुर्माना भरने के लिए भी कह सकती है.

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