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Mandsaur: पशुपतिनाथ की प्रतिमा में दरार को लेकर पूर्व विधायक ने किया पोस्ट, कांग्रेस ने बताया पॉलिटिकल स्टंट

भगवान पशुपतिनाथ की प्रतिमा में दरार वाली पोस्ट वायरल हो रही थी। – फोटो : सोशल मीडिया

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सावन माह के शुरुआत में ही भगवान पशुपतिनाथ की प्रतिमा के एक मुख की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें प्रतिमा के हाथ से सिर तक एक लकीर दिखाई दे रही है। इसको लेकर मंदसौर के पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया ने एक्स पर पोस्ट कर प्रतिमा के खंडित होने को लेकर शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षण किया। इसे कांग्रेस पॉलिटिकल स्टंट बता रहे हैं।

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पशुपतिनाथ मंदिर प्रबंध समिति और पुजारियों का कहना है कि प्रतिमा में क्षरण जैसी कोई बात नहीं है। फोटो में जो दर्शाया गया है वह निशान आज का नहीं होकर वर्षों पुराना है। बता दें कि मंदसौर के पशुपतिनाथ की प्रतिमा लगभग ढाई हजार वर्ष पुरानी होकर जन जन की आस्था व श्रद्धा का केंद्र बनी हुई है। सावन माह में यहां हजारों की संख्या में दर्शनार्थी रोजाना दर्शन करने पहुंचते हैं। आज सावन में की शुरुआत के साथ ही सोशल मीडिया पर पशुपतिनाथ की प्रतिमा के एक मुख की फोटो वायरल हुई, जिसमे नजर आ रहा है की प्रतिमा के होठों से लेकर कान के पास तक एक लकीर बनी हुई है। जिसे लेकर मंदसौर विधानसभा के पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया ने प्रतिमा के क्षरण की आशंका जताते हुए सोशल मिडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट कर शासन-प्रशासन से इस और ध्यान आकर्षण करने की बात कही है।

पशुपतिनाथ की प्रतिमा के क्षरण को रोका जाए
मंदसौर के पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया ने प्रतिमा पर दिख रही दरार को लेकर एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि श्रद्धा, भक्ति और आस्था का केंद्र “भगवान पशुपतिनाथ महादेव” की दिव्य एवं नयनाभिराम अष्टमूर्ति प्रतिमा दशपुर की नगरी मंदसौर (मध्य प्रदेश) में विराजित है,आशंका जताई जा रही है और संभावनाएं बताई जा रही है कि “प्रतिमा के मुख पर दरार पड़ रही है”, यदि ऐसा है तो तकनीकी विशेषज्ञों की टीम बनाकर, जानकारों से सलाह लेकर प्रतिमा के शरण को रोका जाए। पूर्व विधायक सिसोदिया ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव  तथा भारत सरकार का पुरातत्व विभाग तथा मध्य प्रदेश के पुरातत्व विशेषज्ञ एवं कलेक्टर दिलीप कुमार यादव से आवश्यक दिशा निर्देश एवं उचित कार्यवाही किए जाने का आग्रह किया है।

पशुपतिनाथ के पुजारियों ने प्रतिमा के क्षरण को नकारा
पशुपतिनाथ मंदिर के पुजारी राकेश भट्ट ने पशुपतिनाथ की प्रतिमा के क्षरण की बात को नकारते हुए कहा कि मैंने जब से पशुपतिनाथ की सेवा पूजा का कार्य आरंभ किया है। इस दरार को मैं तब से ही देखता आ रहा हूं। यह दरार आज की नहीं होकर वर्षों पुरानी है जो जस की तस बनी हुई है।

कांग्रेस ने बताया पॉलिटिकल स्टंट
पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया द्वारा एक्स पर की गई पोस्ट को लेकर शहर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. राघवेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पूर्व विधायक द्वारा की गई पोस्ट सिर्फ राजनीतिक स्टंट है। वे पिछले पंद्रह वर्षों से विधायक रहे हैं तब उन्हें प्रतिमा का क्षरण याद नहीं आया। तब उनकी सरकार क्या कर रही थी। वायरल फोटो में जो निशान पशुपतिनाथ की प्रतिमा पर दिख रहा है वह दरार वर्षों पुरानी है। अगर प्रतिमा का क्षरण हो भी रहा है तो सरकार उनकी है, अधिकारी उनके हैं, उनसे चर्चा कर विशेषज्ञों की टीम बुलवाकर प्रतिमा पर वज्र लेप करवाना चाहिए। सिर्फ सोशल मिडिया पर पोस्ट करना राजनीतिक स्टंट के अलावा कुछ नहीं है।

शिवना नदी से निकली थी पशुपतिनाथ की प्रतिमा
भगवान पशुपतिनाथ की अष्टमुखी प्रतिमा शिवना नदी से निकाली गई थी। तब भी प्रतिमा के ऊपर के चार मुख पर पॉलिश थी और नीचे के चार मुख पर पालिश नहीं होने से विशेषज्ञों को बुलवाकर उन पर लेप करवाया गया था ताकि पूरी प्रतिमा एक जैसी दिखाई दे। पूर्व में जब प्रतिमा पर भक्तों द्वारा सीधे अभिषेक किया जाता था तब लेप निकल जाता था। इसके चलते तत्कालीन कलेक्टर जी के सारस्वत के समय विशेषज्ञों की टीम बुलवाकर पुनः वज्र लेप करवाया गया था। साथ ही भक्तों द्वारा किए जा रहे अभिषेक और जल चढ़ाने पर भी पाबंदी लगा दी गई थी। उसके बाद प्रतिमा के आस पास ऊंची रेलिंग लगा दी गई थी ताकि सिर्फ मंदिर के पुजारी ही प्रतिमा को स्पर्श कर सकें और अभिषेक कर पूजा पाठ कर सकें। वर्तमान में भी प्रतिमा के आस पास लगी रेलिंग के जलपात्र में भक्तों द्वारा जल डाला जाता है जिससे पशुपतिनाथ की प्रतिमा के नीचे के चार मुख का अभिषेक होता है।

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