आदिवासी समाज का किया हुक्का-पानी बंद – फोटो : अमर उजाला
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मामला मैहर के अमरपाटन विकासखंड से सटे ग्राम पंचायत इटमा खजुरी ताल के हरिजन बस्ती का है। जहां करीब 100 वर्षों से डेढ़ सौ घरों की हरिजन बस्ती बसी है। वहीं खजुरी ताल आश्रम के गुर्गों ने सरकारी पानी की टंकी और आम रास्ते पर तार जाली लगाकर अतिक्रमण कर लिया है। बाउंड्री के अंदर हरिजन बस्ती की बकरी बंधी हुई जो 16 जुलाई से भूख प्यास से मार रही है। बेबस लोगों ने स्थानीय नेताओं से लेकर कलेक्टर तक मदद की गुहार लगा चुके है। इसके बाद भी लोगों की पीड़ा कोई सुनने वाला नहीं है।
गांव के विश्राम साकेत ने जानकारी देते हुए बताया कि हरिजन बस्ती के लोग चौड़ी मेड़ से मुख्य सड़क मार्ग तक पहुंच जाते थे। जिसे खजूरी धाम के लोगों के द्वारा मार्ग अवरूद्ध कर देने से अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों को विशेष संकट उत्पन्न हो गया है। जबकि उस मार्ग को हम लोग लगभग पुश्तैनी रूप से 100 वर्षों से भी ज्यादा समय से उपयोग करते चले आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में विवाद एवं शान्ति भंग होने की संभावना बनी हुई है। जबकि रामजानकी मंदिर की सम्पूर्ण जमीन आराजी नंबर 0-102,103,104,105 रकबा रामजानकी के नाम से दर्ज अभिलेख है। जिसके जिला कलेक्टर अध्यक्ष है।
गीता साकेत ने जानकारी देते हुए बताया कि दादा-परदादा के समय से यहां हरिजन बस्ती के लोग जीवन यापन कर रहे हैं। पूर्व सरपंच के द्वारा सरकारी बोर के साथ पानी की टंकी बनवाई गई थी। दो दिन पहले खजुरी ताल आश्रम के लोगों ने आकर तार बाउंड्री कर दी है। बाउंड्री के अंदर मवेशी बंधे हुए हैं जो भूख प्यास से मार रहे हैं।
अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम इटमा खजुरी ताल के जनजाति समुदाय के लोगों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय आकर शिकायती आवेदन दिया है। जिसमें उन्होंने बताया कि स्थानीय आश्रम के लोगों ने आवागमन मार्ग और निस्तार की जमीन पर तार बाउंड्री कर अवरुद्ध कर दिया गया है। इसके बाद हमारे द्वारा अमरपाटन तहसीलदार को जांच करने के लिए बोला है। जांच के बाद न्याय उचित कार्रवाई की जाएगी।
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